चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर की कुर्सी पर भाजपा की सरबजीत कौर विराजमान हुई हैं। वहीं निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। बता दें कि आप ने 14, भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 8 और 1 सीट अकाली दल ने जीती थी। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद देवेंद्र सिंह बबला अपनी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा के पास 13 वोटें हो गई थी। सांसद को भी एक वोट डालने का अधिकार है। इस तरह से सांसद किरण खेर की वोट के बाद भाजपा के पास 14 वोट हो गए थे। अब आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा दोनों उम्मीदवारों को 14-14 वोट पड़े थे, लेकिन आप का एक वोट इनवेलिड होने से उसे रद्द कर दिया गया। दरअसल आम आदमी पार्टी का जो वोट खारिज हुआ है वह बैलेट पेपर थोड़ा सा फट गया था, इसीलिए उसे खारिज किया गया। इसके बाद आप के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद मेयर भाजपा की सरबजोत को घोषित कर दिया गया।
सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी मेयर नहीं बना सकी आम आदमी पार्टी
मेयर चुनाव के बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए मतदान हुआ। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर भी भाजपा का ही कब्जा हो गया है। भाजपा के दिलीप शर्मा ने सीनियर डिप्टी मेयर का चुनाव जीता है। डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा और आप उम्मीदवारों को 14-14 वोट मिले। इसके बाद डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए नवनियुक्त मेयर ने ड्रा करने का फैसला लिया, जिसमें अनूप गुप्ता का नाम निकला। अनूप गुप्ता भाजपा के ही उम्मीदवार हैं। ऐसे में अब तीनों सीटों पर भाजपा का कब्जा हो गया है।
बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद तीनों पार्टियों को पार्षदों की खरीद फरोख्त होने का डर था। इसलिए तीनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। भाजपा अपने 13 पार्षदों को लेकर पहले कसौली और फिर शिमला चली गई थी। कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को लेकर जयपुर गई थी। आम आदमी पार्टी के पार्षद भी हिमाचल में ठहरे हुए थे। लेकिन पहले आप पार्षदों को दिल्ली लेकर गई थी और उन्हें सीसीटीवी की निगरानी में रखा था। आप-भाजपा पार्षद शुक्रवार देर रात ही चंडीगढ़ पहुंचे थे। कांग्रेस के पार्षद शनिवार सुबह जयपुर से चले थे।