बाबा के चढ़ावे से पल रहे दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्टियों के परिवार, साढ़े तीन साल में 14 लाख 13 हजार 710 रूपये गए ट्रस्टियों की जेब में

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवम् विनियास अधिनियम 1984 का गठन इस लिए किया गया था कि प्रदेश के बड़े मंदिरों में श्रद्धा से चढ़ाए गए करोड़ों रूपए मंदिरों के विकास के काम आए। लेकिन हमीरपुर जिला  में स्थित दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट अपने न्यासियों को लाखों रुपए बांटकर श्रृद्धालुओं के चढ़ावे के पैसों की बेकद्री कर रहा है। आरटीआई से जुटाई जानकारी के मुताबिक पिछले साढ़े तीन वर्षों में दियोट सिद्ध मंदिर ट्रस्ट 14 लाख 13 हजार 710 रूपये  ट्रस्टियों की जेब में डाल चुका है। मंदिर ट्रस्ट ने वर्ष 2018  में 196330 रुपए, 2019 में 459082 रुपए , 2020 में  304812 रुपए तथा 2021 में सितंबर माह तक 453486 रुपए अपने ट्रस्टियों की जेब में डाल दिए। यहां गौरतलब है कि अधिनियम के तहत ट्रस्टियों का मनोनयन मंदिर से संबंधित कार्यों में मार्गदर्शन करना होता है तथा इस कार्य के लिए उन्हें कोई मानदेय या भत्ता नहीं दिया जाता। आरटीआई के तहत एक लिस्ट भी मिली है जिसमें सिलसिलेवार यह बताया गया है कि किस ट्रस्टी को किस वर्ष कितना पैसा दियोट सिद्ध ट्रस्ट ने दिया है।

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 आरटीआई में मांगी सूचना से हुआ खुलासा, ब्रजेश्वरी, चामुंडा, चिंतपूर्णी और बैजनाथ मंदिर ट्रस्ट नहीं देते ट्रस्टियों को दान का पैसा

प्रश्न यह उठता है कि जब ब्रजेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट कांगड़ा ,  शिव मंदिर न्यास बैजनाथ , मंदिर ट्रस्ट चिंतपूर्णी तथा मंदिर ट्रस्ट चामुंडा देवी जैसे बड़े मंदिर  अपने ट्रस्टियों को मानदेय या भत्ते का एक पैसा  नहीं देते तो दियोट सिद्ध मंदिर ट्रस्ट किस खुशी में श्रद्धालुओं के चढ़ावे का पैसा ट्रस्टियों की जेबों में भर रहा है। क्या यह जानबूझ कर किया गया या फिर श्रद्धालुओं की नेक कमाई  पर यह ट्रस्टियों का डाका है। मांग तो यह उठ रही है कि सभी ट्रस्टियों को दिया गया धन रिकवर कर मंदिर के खजाने में जमाकर विकास कार्यों  पर लगाया जाए। बड़ा सवाल यह है कि एक ट्रस्टी को कितनी बार ट्रस्ट का मेंबर मनोनीत किया जा सकता है। जांच इस विषय पर भी किए जाने की मांग उठ रही है कि हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान एवम् विनियास अधिनियम 1984 की धज्जियां ट्रस्ट ने कितनी बार उड़ाई। वर्ष 2018 : अमीं चंद शर्मा 24010 रुपए, प्रेम सिंह ढटवालिया 19960 रुपए, योग राज कालिया 27950 रुपए, केशवदत्त 43210 रुपए, कैप्टन सुरेंद्र सोनी 26230 रुपए, पुरुषोत्तम चंद शर्मा 21300 रुपए, हरनाम सिंह 11040 रुपए, प्रेम चंद 6100 रुपए,  सुरेश चौधरी 8600 रुपए, सोमदत्त 7930 रुपए। वर्ष 2019 :  नरेश शर्मा 66070 रुपए, श्याम सिंह 71190 रुपए, सुरेश चौधरी 96570 रुपए, सुरेश शर्मा 41330 रुपए, रमेश शर्मा 71360 रुपए, रामेश्वरदत्त शर्मा 62202 रुपए, सोम दत्त 50360 रुपए।  वर्ष 2020 : नरेश शर्मा 23406 रुपए, श्याम सिंह 47430 रुपए, सुरेश चौधरी 43740 रुपए, सुरेश शर्मा 22614 रुपए, रमेश शर्मा 75640 रुपए,  रामेश्वरदत्त शर्मा 50024 रुपए, सोमदत्त 21200 रुपए, सरला शर्मा 20758 रुपए।  वर्ष 2021 ( सितंबर तक ) : नरेश शर्मा 89760 रुपए, श्याम सिंह 90980 रुपए, सुरेश चौधरी 57840 रुपए, सुरेश शर्मा 17340 रुपए, रामेश्वरदत्त शर्मा 88620 रुपए, सोमदत्त 54960 रुपए, सरला शर्मा 52986 रुपए।

आरटीआई एक्टिविस्ट दिनेश कुमार शर्मा पुत्र बलदेव कृष्ण ने जुटाई जानकारी  से पता चला है कि श्री गोपाल मंदिर डमटाल,  मंदिर  ट्रस्ट ठाकुरद्वारा देई जी साहिबा पौंटा साहिब, मंदिर ट्रस्ट श्री ब्रजेश्वरी मंदिर कांगड़ा,  शिव मंदिर न्यास बैजनाथ , मंदिर ट्रस्ट चिंतपूर्णी अपने ट्रस्टियों को एक पैसा मानदेय या भत्ते का भुगतान नहीं करते जबकि दियोट सिद्ध मंदिर ट्रस्ट लाखों रूपये ट्रस्टियों को बांटता है।  उपरोक्त सारी जानकारियां, आंकड़े  तथा तथ्य संबंधित मंदिर अधिकारियों,  सहायक आयुक्त तथा  तहसीलदारों से आरटीआई में लिए गए हैं और समाचार प्रकाशक के पास सुरक्षित हैं।

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