ई.टी.टी. अध्यापक हरजीत का आरोप: अदालत के आदेश के बावजूद नहीं मिल रहा लाभ

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), (पवन)। माननीय अदालत के आदेश के बावजूद शिक्षा द्वारा 9 साल की ए.सी.पी. तथा एक असंचित रुप में रोकी गई तरक्की का लाभ 6 प्रतिशत ब्याज सहित देने में देरी की जा रही है। जिसके चलते मुझे परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। अगर विभाग ने एक सप्ताह के भीतर अदालत के फैसले अनुसार उसे उसका बनता हक न दिया तो उसे पुन: माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों की होगी। उक्त जानकारी ई.टी.टी. अध्यापक हरजीत सिंह (हरखोवाल) ने प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी।

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हरजीत सिंह ई.टी.टी. अध्यापक ने बताया कि वह सरकारी एलीमैंट्री स्कूल साहरी में कार्यरत था। 2009 में कुछ लोगों द्वारा की गई शिकायतों पर तथा एक सोची समझी साजिश के तहत उसकी तरक्की पर असंचित रुप से रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद उसने 2012 में अदालत का दराजा खटखटाया था। माननीय अदालत में उसके खिलाफ विभाग द्वारा जिन शिकायतों के आधार पर उसकी वार्षिक तरक्की रोकी गई थी वे सभी निराधार पाई गई तथा अदालत ने विभाग को 6 प्रतिशत ब्याज सहित 9 सालों की ए.सी.पी. एवं एक असंचित रोकी गई तरक्की देने के आदेश जारी किए।

एक सवाल के जवाब में हरजीत सिंह ने बताया कि उसके खिलाफ ये शिकायत की जाती थी कि वे स्कूल में देरी से आता है, किसी के साथ ठीक ढंग से बात नहीं करता आदि। हरजीत ने बताया कि जिस दौरान उसके खिलाफ शिकायतें की गई, तब उसे एक बार भी उसका पक्ष सुनने के लिए नहीं बुलाया गया था। जिसके चलते एक साजिश के तहत उसकी वार्षिक तरक्की रोकी गई और कथित तौर पर अधिकारियों की मिलीभगत से 2015 में उसे सस्पैंड कर दिया गया तथा उसकी हाजिरी बी.पी.ई.ओ. कार्यालय तलवाड़ा में लगती है। जिसके बारे में उसने माननीय हाईकोर्ट में केस फाइल कर रखा है तथा उसका भी फैसला आने वाला है। हरजीत ने बताया कि उसे जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है तथा अदालत के आदेश के बावजूद अधिकारी उसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे। जिसके चलते वह मानसिक तौर पर काफी समस्या से गुजर रहा है।

इस संबंधी उपजिला शिक्षा अधिकारी धीरज वशिष्ट से बात करने पर उन्होंने बताया कि ई.टी.टी. अध्यापकों से संबंधित सारा रिकार्ड बी.पी.ई.ओ के पास होता है तथा वहीं इनकी इंक्रीमैंट व तरक्की आदि का प्रोसैस चलता है। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश पर हरजीत सिंह के संबंधित बी.पी.ई.ओ. को आदेशों का पालन करते हुए बनते लाभ देने को कहा गया। मगर ये भी पता चला था कि हरजीत को पहले अधिक लाभ दिया जा चुका है तथा ऐसे में अगर ये पाया जाता है तो उसे लाभ नहीं दिया जाएगा। रही बात 6 प्रतिशत ब्याज सहित बकाये की तो उसका बिल बनाकर ख्जाने में भेजा जाएगा। उसमें कितना समय लगेगा इस बारे में वो कुछ नहीं बता सकते, क्योंकि ख्जाने से बिल पास करने सरकार के हाथ में होता है। उन्होंने बताया कि हरजीत को चार्जशीट व सस्पैंड किए जाने का मामला माननीय हाईकोर्ट में चल रहा है।

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