जनता या 2019! वाह नेता जी: आ गई जनता की याद

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर का सौभाग्य कहें या फिर बदकिस्मती कि यहां इतने बड़े-बड़े नेता हुए, मगर होशियारपुर के माथे पर लगा पिछड़ेपन का कलंक दूर करने के लिए किसी ने भरसक प्रयास करने जरुरी नहीं समझे। देश के प्रधानमंत्री रहे डा. मनमोहन सिंह तथा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल जैसे बड़े नेताओं का नाता होशियारपुर से रहा। एक समय तो ऐसा था कि विधायक, मंत्री ही नहीं बल्कि केन्द्र में जनता की बात रखने वाले 4-4 सांसद होशियारपुर से ही थे।

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परन्तु, होशियारपुर में कोई बड़ा प्रोजैक्ट लगाने में नाकामयाब ही रहे। जब भी किसी बड़े प्रोजैक्ट की बात होती, होशियारपुर को अनदेखा करके किसी और स्थान पर उसे स्थानांतरित कर दिया जाता। जिसके चलते होशियारपुर निवासी विकास की गति से अछूते रह जाते। अब भी जो कुछेक नए प्रोजैक्ट लग रहे हैं उनसे जनता का भला कम तथा चंद नेताओं एवं मालिकों का भला ज्यादा प्रतीत हो रहा है।

होशियारपुर की बात करें तो इस समय राज्य में जहां 6 विधायक जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो केन्द्र में भी सांसद व मंत्री होशियारपुर से हैं। मगर, दुख की बात ये है कि वे मंत्री जी अपने हल्के में कम और बाहर ज्यादा खुश रहते हैं। जनता से कम मेलमिलाप के कारण उनकी कार्यप्रणाली से जनता ज्यादा खुश नहीं है। मगर, कोई भी खुलकर बोलकर मंत्री जी की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहता।

पर मंत्री जी की एक खूबी जो सभी को मोह भी जाती है तथा चर्चा का विषय भी बनती है कि मंत्री जी ने आजतक कभी जनता से मिलने का सीधा प्रयास नहीं किया। बल्कि किसी न किसी कार्यक्रम के माध्यम में भाग लेने पहुंचने पर जनता से मिलना और जनता के हिमायती बनने की कला जैसे उनमें कूट-कूट कर भरी है। इस बात को लेकर भी चर्चा है कि आखिर जिस उम्मीदवार को जनता ने जिताया है उसका अपने हल्के के लिए भी कोई फर्ज है या नहीं। हाल ही में आदमपुर में एयरपोर्ट मंजूर होने को लेकर मंत्री जी व उनके चंद चहेते खूब पीठ थपथपा रहे थे। परन्तु एक बात साफ है कि वो पड़ता तो जालंधर में है। ये भी सत्य है कि उसका लाभ होशियारपुर निवासियों को भी मिलेगा, मगर नाम तो जालंधर का चमका, कोई ये नहीं कहेगा कि एयरपोर्ट होशियारपुर में है। इतना ही नहीं कोई बड़ी इंडस्ट्री, अस्पताल या कोई अन्य शिक्षा से संबंधित कोई बड़ा कालेज या उलब्धि नहीं है जिसके दम पर हम अपने सांसद पर गर्व कर सकें।

और तो और मंत्री जी के कार्यालय का भी हाल इन दिनों खासा चर्चा में है। एक तरफ जहां मंत्री जी का एक खासमखास खूब फलफूल रहा है वहीं लोगों को ग्रांटें मिलने में हो रही देरी व उसके बारे में किसी को कोई स्पष्ट जवाब न मिलने के कारण भी लोगों के दिलों में नेता जी के लिए दूरी बढ़ती जा रही है।

हाल ही में शहर में निकाली गई शोभायात्रा के दौरान शोभायात्रा छोड़ मंत्री जी का दुकानों पर बैठकर जलपान करना शहर में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां भाजपा समर्थित दुकानदारों से मिलना कईयों को चुभ गया वहीं कांग्रेसियों से नजदीकियां भी कईयों को अखर रही हैं। वैसे भी भाजपा की जीत और हार के पीछे की कहानी यहां किसे नहीं पता। मगर, कोई भी खुलकर बोलने से परहेज करने में भलाई समझे अपने काम से काम रख रहा है। परन्तु इस सब में जहां नुकसान होशियारपुर का हो रहा है वहीं भाजपा के लिए भी आने वाले दिन सुखद नहीं माने जा रहे।

पिछली बार भले ही मोदी लहर के चलते नेता जी को बड़ी जीत मिली हो, मगर अब नोटबंदी और जी.एस.टी. के कारण गुस्से से भरी जनता पर शायद ही एक बार फिर से मोदी लहर का फैक्टर काम करे, क्योंकि इस बार लोग लोकल सांसद एवं मंत्री की कार्यप्रणाली व होशियारपुर के विकास के लिए उसके द्वारा किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन करने की ठान चुके हैं।

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