रेप पीड़िता को 8 माह का गर्भ गिराने की अदालत ने दी अनुमति

नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेप पीडि़ता के 28 सप्ताह 5 दिन यानी लगभग 8 महीने के गर्भ को गिराने की अनुमति दी है। यह फैसला जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने सुनाया है। अदालत ने कहा कि गर्भ में पल रहे भ्रूण के बजाय दुष्कर्म पीड़िता की जिंदगी ज्यादा मायने रखती है, यही न्याय है। अब अदालत के आदेशों के अनुसार 48 घंटे के अंदर गर्भ को गिराया जाएगा, इसके लिए एक्सपट्र्स की टीम तैयार की जाएगी। इसके अलावा अदालत ने कहा कि अगर इस दौरान पीडि़ता के जीवन पर कोई जोखिम आता है तो इसे तुरंत रोक दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि जीने के अधिकार का मतलब जिंदा रहने या इंसान के अस्तित्व से कहीं ज्यादा है। इसमें मानवीय गरिमा के साथ जीने का अधिकार शामिल है।

Advertisements

बता दें कि गढ़वाल की 16 साल रेप पीड़िता ने पिता के जरिए 12 जनवरी को चमोली में आईपीसी की धारा 376 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी। पीडि़ता की सोनोग्राफी के बाद 28 हफ्तों से ज्यादा की प्रेग्नेंसी सामने आई। जांच के बाद कहा गया कि मां की जान का जोखिम है इसलिए इस स्टेज में गर्भपात करना सही नहीं है। इस पर नाबालिग के पिता का कोर्ट में कहना है कि उनकी बेटी प्रेग्नेंसी को जारी रखने की हालत में नहीं है। अगर गर्भपात की अनुमति नहीं मिली तो उसके शरीर और मानसिक रूप से प्रभावित हो सकती है और इसका उसके जीवन पर बेहद बुरा असर पड़ेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here