हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट- रजनीश शर्मा। पे कमीशन द्वारा दी गई सिफारिशों से हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान में पैदा हुई विसंगतियां को दूर करने के लिए कर्मचारियों के विभिन्न संघों से मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक और उसमें दोनों पक्षों में हुए समझौतों को अभी तक अमलीजामा पहुंचाना सरकार की एक और नाकामी को उजागर करता है। यह बात कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेंद्र जार ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कही। इस वार्ता में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित चिकित्सकों व कर्मचारियों को शामिल कर सरकार में अपनी राजनीतिक परिपक्वता का प्रमाण दिया है।
ऐसे में चिकित्सकों द्वारा पेन डाउन हड़ताल पर जाना आम जनता के लिए कष्ट दाई विषय है। मुख्यमंत्री को स्वस्थ विभाग की मांगों पर शीघ्र सहानुभूति पूर्वक फैसला लेना चाहिए । उधर सस्ता राशन डिपो संचालक भी अपनी वेतन संबंधी मांगों और सुचारू प्रबंधन की मांग को लेकर प्रयत्नशील है। सरकार इस बारे भी यथायोग्य निर्णय अति शीघ्र ले यह संस्था भी जनता की सेवा में अपना सक्रिय योगदान दे रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में मनरेगा के 25% धनराशि घटाकर अपने किसान, मजदूर और ग्रामीण रोजगार के प्रति विरोधाभास का प्रमाण दिया है।