नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। रूस-यूक्रेन युद्ध से देश के व्यापार पर असर पड़ेगा। निर्यातकों का कहना है कि इस युद्ध से खेपों की आवाजाही, भुगतान और तेल की कीमतों पर असर पडऩा स्वाभाविक है, जिससे कई चीजें महंगी हो जाएंगी। यह व्यापार के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अभी कोविड-19 महामारी से उबरने का समय था और व्यापार इससे उबर रहे थे। फैडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि उन्होंने निर्यातकों से कहा है कि वे अपनी खेप या माल को उस क्षेत्र में रखें जो काला सागर का रास्ता अपनाते हैं। ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि रूस, यूक्रेन और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों में स्वेज नहर और काला सागर से माल की आवाजाही होती है। उन्होंने कहा कि व्यापार पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा यह युद्ध की अवधि पर निर्भर करेगी।
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार इस वित्त वर्ष में अब तक 9.4 अरब अमरीकी डॉलर रहा, जो 2020-21 में 8.1 अरब अमरीकी डॉलर था। रूस से भारत ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, विद्युत मशीनरी और उपकरण और उर्वरक आयात करता है। जबकि भारत से रूस को प्रमुख निर्यात वस्तुओं में फार्मास्युटिकल उत्पाद, विद्युत मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहन शामिल हैं।