उधार की ताकत के बल पर आप कभी शक्तिशाली नहीं बन सकते : प्रदीप सिंह पलाहा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत ताकत की दुनिया में आज भी उतनी ही सार्थक है जितनी हजारों साल पहले थी। लाठी चाहे व्यक्ति की हो या राष्ट्र की आज भी शक्तिशाली ही अपना दबदबा रखता है और कमजोर हमेशा आश्रित होने के कारण अपमान व नुकसान सहता है। केवल वो ही देश अपनी सीमाओं, नागरिकों व संसाधनों की रक्षा कर सकता है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र अभेद होगा उपरोक्त शब्द भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप सिंह पलाहा ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर देश वासियों को बधाई देते हुए आंतरिक सुरक्षा की महत्ता के विषय पर वर्चुअल बैठक में कहे।

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पलाहा ने कहा कि रशिया यूक्रेन युद्ध से एक बात तो साबित हो गई है कि उधार की ताकत के बल पर आप कभी शक्तिशाली नहीं बन सकते व न ही अपने देश की सुरक्षा और यदि आप अपने साधनों संसाधनों से अपनी सैन्य शक्ति विश्व पटल के मानकों के अनुरूप विकसित करते हैं तो आपके शत्रु देश कभी भी आपको आंखें दिखाने का साहस नहीं कर पाएंगे और आज के परमाणु युग में राष्ट्रीय सुरक्षा को शक्ति संपन्न बनाना और भी अनिवार्य हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से देश की आंतरिक व बाहरी सुरक्षा को व देश की सीमाओं को आधुनिक सैन्य संसाधनों के साथ विकसित कर स्थापित किया है जिसके कारण आज देश के जवानों व नागरिकों का मनोबल ऊंचा है। पिछले 60-65 वर्षों से देश के जवान सदैव राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पूर्व सरकारों की तरफ एक उम्मीद के नजरिए से देखते रहें हैं लेकिन निजी स्वार्थ को सामने रख कर तत्कालीन नेताओं ने इस महत्वपूर्ण विषय को हमेशा नजर अंंदाज किया था। ये वो समय था जब बांग्लादेश जैसे छोटे देशों के सैनिक भी भारत की सीमा में घुसपेठ कर हमारे जवानों को मार कर उनका सिर तक अपने साथ ले जाते थे। लेकिन मोदी जी के आने के बाद परिदृष्य बदल चुका है। आज का शक्तिशाली भारत पाकिस्तान की कुचेष्टा पर उसकी सीमा के भीतर जाकर उसको सबक सिखाने की क्षमता रखता है। चीन जैसे कथित विस्तारवादी सोच वाले देश को निसंकोच पीछे धकेलने का दम रखता है। आज सुरक्षा मानकों में भारत का शुमार सर्वोच्च सैन्य संपन्न शक्तिशाली देशों में अगर हो रहा है तो इसका श्रेय निश्चित ही देश के महानायक नरेंद्र मोदी जी व तीनों सेनाओं के उच्चाधिकारियों व जवानों को जाता है।

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