मुकेरियां(द स्टैलर न्यूज़)। केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी से पंजाब की स्थायी सदस्यता समाप्त करने के विरुध संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कुल हिंद किसान सभा द्वारा राज्य संयुक्त सचिव आशा नंद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम मुकेरियां के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा जिसमें राष्ट्रपति को तत्काल हस्तक्षेप करने और केंद्र सरकार के निर्णय को वापस लेने की मांग की। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से पंजाब सरकार की स्थायी सदस्यता रद्द करना बहुत ही निंदनीय है। यह देश के संघीय ढांचे पर भाजपा की केंद्र सरकार का एक और हमला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर फैसले के जरिए राज्यों की शक्तियों को सीमित कर रही है और केंद्र की तानाशाही को मजबूत कर रही है।
किसान नेताओं ने कहा कि तानाशाही कभी भी जन-समर्थक नहीं हो सकती और बीजेपी ऐसे फैसले कर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने बीबीएमबी के निर्माण में भारी मात्रा में पूंजी निवेश की है। केंद्र द्वारा पंजाब के हिस्से को खत्म करना पंजाब के लिए एक बड़ा झटका है और एक बड़ा आर्थिक नुकसान है। उन्होंने देश के राष्ट्रपति से देश में भाजपा की बढ़ती तानाशाही को रोकने की मांग की और अगर सरकार ने जनविरोधी फैसले को नहीं बदला तो इसके खिलाफ तीखा संघर्ष शुरू किया जाएगा।