क्राफ्ट्स मेले में कुलदीप माणक की कलियां सुना मुरली राजस्थानी ने बांधा समां

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। लाजवंती आउटडोर स्टेडियम आयोजित क्राफ्ट्स बाजार में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के बैनर तले अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए देश की महान संस्कृति से लोगों को परिचित करवा रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान से मुरली राजस्थानी पंजाबी लोकगीत से पंजाब की महान संस्कृति की प्रस्तुति दे रहे हैं, जो कि क्राफ्ट्स बाजार में आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

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 कुलदीप माणक की कलियां मां हुंदी ए मां ओ दुनिया वालिओ, बंदा बहादुर की वार, हिंद की चादर तथा कोठे ते गिलासी है आदि कई गीत प्रस्तुत कर महान गीतकार कुलदीप माणक को न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं बल्कि लोगों को यह भी संदेश देते हैं कि पंजाबी के इस महान गायक ने अपनी पावन धरती तथा मां के बारे में लोगों के दिलों में जो दीपक जलाया है वह आज भी रोशनी दे रहा है।
मुरली राजस्थानी बताते हैं कि उन्हें गाने की कला विरासत में मिली है। उनके दादा बिंजा राम गीत गाते थे, जिनको देखकर उनके पिता नानूराम ने भी गायकी को अपनाया और वे आज भी संगीत को पूरी तरह समर्पित है। अपने पिता से उन्होंने गाना सीखा और आज वे जो कुछ भी हैं, उन्हीं के आशीर्वाद से हैं। उन्होंने उत्तर जोन सांस्कृतिक केंद्र के प्रोग्राम अधिकारी रविंदर शर्मा तथा भूपिंदर सिंह द्वारा क्राफ्ट्स बाजार में कला का प्रदर्शन करने का मौका देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि डिप्टी कमिश्नर श्रीमती अपनीत रियात तथा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(शहरी विकास) श्री हिमांशु जैन ने यहां पहुंचने पर उन्हें जो मान-सम्मान दिया है, वे जीवन भर इसके लिए आभारी रहेंगे।
मुरली राजस्थानी ने बताया कि वे तीन बार होशियारपुर में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। देश के अलावा विदेश में भी उन्हें अपनी कला प्रदर्शन का मौका मिला है। इसके अलावा आकाशवाणी व दूरदर्शन पर भी उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कला व संस्कृति को आगे बढ़ाना है। मुरली राजस्थानी अपने साज रामणत्थाय पर नाज करते हुए बताते हैं कि वे प्रतिदिन गायकी का रियाज करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ चेतराम, गोविंद, विनोद तथा श्रवण साज पर उनका साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि होशियारपुर के लोग दिल के अमीर है। वे प्रत्येक कलाकार का हौंसला बढ़ाते हैं और कलाकार को इससे बढक़र और कुछ नहीं चाहिए।

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