मुकेरियां (द स्टैलर न्यूज़)। डा. अर्चना शर्मा की मौत एक बहुत ही दुख दायक कांड है। जिसके बाद अब देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, आक्रोश रैलियां निकाली जा रही है। इसी के दौरान आई.एम.आई. राष्ट्रीय व पंजाब ईकाई के दिशानिर्देश अनुसार मुकेरियां की एक बैठक हुई। जिसमें डा. अर्चना शर्मा की आत्मिक शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण किया। आज शनिवार मुकेरिया में डॉक्टरों ने ओपीडी एवं रूटीन चैकअप बंद रखा। इस समय एसोसिएशन के प्रधान डा. रजत गुप्ता व कोषाध्यक्ष डॉक्टर हरजीत सिंह ने कहा कि राजस्थान के स्थानीय प्रशासन समाज विरोधी तत्व नेता और पुलिस वालों ने मिलकर डॉ अर्चना शर्मा को इतना प्रताडि़त किया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। राजस्थान के दौसा में एक बच्चे की डिलीवरी के बाद औरत की मौत हो गई। इस केस में संबंधित डॉक्टर को इतना प्रताडि़त किया गया कि उसने आत्महत्या करना ही बेहतर समझा।
इसके आगे बताते हुए सचिव डा. ज्ञान चांद राणा ने कहा कि ऑपरेशन के बाद कई कॉन्प्लिकेशन होने से मौत हो सकती है। किसके लिए डॉक्टर को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। आईएमए (इंडियन मैडिकल एसोसिएशन) ने मांग की डॉक्टर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले सारे लोगों को सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए, नहीं तो डॉक्टर ऑपरेशन कैसे करेंगे इससे डॉक्टरों का मनोबल टूटा है, और वह ऑपरेशन से कन्नी कतराने लगे हैं। इस मौके सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर जीपी सिंह ने कहा कि कई बार बहुत गंभीर मरीजों की कॉम्प्लिकेशन से मौत हो सकती है, जिसको रोका नहीं जा सकता। बैठक के दौरान कोषाध्यक्ष डॉक्टर हरजीत सिंह, शविंदर सिंह मठौन, डॉक्टर सुशील कुमार सहगल, डॉक्टर देवेंद्र, डा. अश्विनी कुमार गौतम, दलवीर सिंह, डा. पंकज चौधरी, डा. सतवीर सिंह, डा. अजय पाल, डा. लखवीर सिंह, डा. प्रदीप कौर ढिल्लो के अतिरिक्त अन्य डाक्टर मौजूद थे।