करौली (द स्टैलर न्यूज़)। राजस्थान के करौली में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही हिंदू समुदाय की बाइक रैली पर किया गया हमला पहले से ही सुनियोजित था। घटनास्थल के आसपास मुस्लिम बहुल इलाके में मुस्लिम समुदाय के कई घरों की छतों पर पत्थरों के ढेर मिले हैं। इस घटना के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ते नजर आ रहे हैं। पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने 2 दिन पहले लैटर के जरिए 2 से 4 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न जिलों तहसीलों व कस्बों में आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों की ओर से हिंदू नव वर्ष के मौके पर निकाली जाने वाली भगवा रैली दौरान धार्मिक उन्माद फैलाने और कानून व्यवस्था बिगडऩे की बात कही गई थी। इस बारे में मुख्यमंत्री व प्रदेश के पुलिस निदेशक को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था। लेकिन फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
बता दें कि करौली में नवसंवत्सर (हिंदू नववर्ष) पर शनिवार को बाइक रैली निकाली जा रही थी। रैली में 2 हजार से ज्यादा लोग थे। रैली फूटाकोट से गणेश गेट के बीच से गुजर रही थी। उसी दौरान मस्जिद के पास पहुंचते ही वहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मकानों की छतों से पथराव शुरू कर दिया। हर तरफ से बड़े-बड़े पत्थर लोगों के ऊपर आकर गिरने लगे। ऐसा लग रहा था, जैसे आसमान से पत्थर बरस रहे हों। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इसी दौरान कुछ नकाबपोश लोग हाथों में लाठियां, तलवार, सरिए व चाकू लेकर आए और लोगों पर हमला कर दिया। इस उपद्रव में 1 मकान और 35 दुकानें जला दी गईं। 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 4 पुलिसकर्मी घायल हैं, 1 की हालत गंभीर है और वह जयपुर आईसीयू में भर्ती है। उपद्रवियों ने 30 से ज्यादा बाइक तोड़ दीं।
यह उपद्रव पहले से ही योजनाबद्ध था। छतों से सैकड़ों टन पत्थर और दर्जनों लाठी-सरिए, चाकू की बरामदगी इसकी गवाही दे रहे हैं। यह सब एक दिन के विवाद के कारण नहीं हुआ है। माहौल खराब करने की ये साजिश पिछले कई दिनों से रची जा रही थी। फिर भी पुलिस ने कोई जरूर कदम नहीं उठाए।
करौली शहर में पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। ऐसे में रैली की परमिशन देते समय पुलिस रैली का रूट डाइवर्ट कर उपद्रव को रोक सकती थी। लेकिन बाइक रैली में सिर्फ 30 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई और जब उपद्रव बढ़ा तो पुलिस रोक नहीं पाई। पुलिस के सामने ही उपद्रवी पथराव करते रहे और दुकानों में आग लगाते रहे। हिंसा फैलने के बाद अब 1200 पुलिस कर्मियों को वहां तैनात किया गया है। कफ्र्यू भी लगाया गया और रविवार तक इंटरनैट सेवाएं भी बंद रखी गई ताकि वीडियो वायरल होने के बाद कहीं फिर हिंसा न फैल जाए। पुलिस ने अब तक 46 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं इस उपद्रव पर सांसद मनोज राजोरिया ने बताया- ‘मैंने कलेक्टर व एसपी के साथ मौके का दौरा किया। जहां कई मकानों पर पत्थरों के ढेर मिले हैं। मकानों से करीब दो ट्रॉली पत्थर निकाले गए। इनमें एक मकान के ऊपर जिम संचालित हो रहा था। राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के बाद अभी भी माहौल तनावपूर्ण है। इसको देखते हुए अब 7 अप्रैल तक कफ्र्यू बढ़ा दिया गया है। कफ्र्यू दौरान लोगों को जरुरी सामान खरीदने के लिए 2 घंटे की छूट दी गई है। इंटरनैट सेवाओं पर भी रोक जारी है।