होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): भाजपा नेताओं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, निपुण शर्मा,मीनू सेठी, शिव सूद, विजय पठानिया, सतीश बावा, सुरेश भाटिया, सुरिंदर भट्टी, अश्वनी गैंद, कमलजीत सेतिया, सोनू अरोड़ा, बब्लूपुरी, यशपाल शर्मा, हरमनजीत सिंह वालिया, पवन चोपड़ा, सुशिल पटियाल, ठाकुर मीर सिंह द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि पंजाब के लोगों ने बहुत ही चाव और उत्साह से आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई थी, क्योंकि बड़े-बड़े आश्वासन दिए गए थे कि सरकारी कामों में लोगों को पहले से बहुत बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने तो जीतने के बाद सबसे पहला बयान इस हद तक दे डाला था कि अब लोगों को सरकारी अफसरों के पास दफ्तरों में काम करवाने के लिए नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि वह खुद लोगों तक पहुंच कर उनके काम करेंगे। उसके साथ ही भ्रष्टाचार खत्म करने के बारे में भी कई तरह की बयानबाजी सरकार व मुख्यमंत्री द्वारा की गई। इन सभी बातों को क्रियान्वित करने के लिए अभी तक ना सरकार के पास कोई नीति है और ना ही कोई काम शुरू किया गया है, केवल बयानबाजी जा अफरा-तफरी का माहौल बनाकर, उससे जनता के मसले हल होने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री, मीडिया साथ लेकर सरकारी दफ्तरों आदि में छापे मारने जाते जाते हैं, जिसका मकसद स्पष्ट नजर आता है कि वह केवल प्रचार करके लोगों का ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, परंतु वह यह भूल जाते हैं कि ऐसा करने से उनके द्वारा बताया जा रहा मकसद पूरा नहीं होगा। मीडिया को छापे के बारे में लीक करने से छापे का मकसद ही खत्म हो जाता है। उल्टा अफरा-तफरी का माहौल पैदा होने से दिनभर संबंधित दफ्तर में काम नहीं हो पाता। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। अपनी देहाड़ी तोड़ कर आए लोगों को निराश होकर वापस जाना पड़ता है। गत दिवस की घटना का विशेष उल्लेख करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि बदले की भावना से राजनैतिक परिवार की इंडोकैनेडियन की दिल्ली जाने वाली बस में बैठे एक- एक यात्री की टिकट स्वयं परिवहन मंत्री द्वारा चेक की गई तथा बस मालिक के खिलाफ कैमरा व मीडिया के सामने टिप्पणियां भी की गई तथा बस को बिना वजह जब्त करने का भी मौके पर ही मंत्री जी ने आदेश दे दिए।उस में बैठी सवारियों में से कुछ सवारियां होशियारपुर से भी संबंधित थी, जो दिल्ली हवाई अड्डे जा रही थी, ऐसा करने से उनकी हवाई जात्रा खतरे में पड़ गई तथा जनता के जबर्दस्त विरोध के बाद ही बस को दिल्ली तक जाने दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर राजनीतिक दुर्भावना से कुछ राजनीतिक घरानों की बसें सरकार ने जब्त ही करनी है तो उन्हें चलने से पहले ही रोक देना चाहिए ताकि लोगों को चलते सफर के बीच गंभीर परिस्थितियों का सामना ना करना पड़े। भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार के मंत्री बेशक छापेमारी करें व सिस्टम को कैसे भी नियमित करें परंतु सिर्फ प्रचारबाजी के लिए जनता को हो रही मुश्किलों का ध्यान अवश्य रखें।