भगवान शिव कथा के तीसरे दिन शिव विवाह का वर्णन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के द्वारा करवाई जा रही चार दिवसीय भगवान शिव कथा के तीसरे दिन में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री दिवेशा भारती जी ने शिव विवाह का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव का यह अदभूत श्रृंगार रहस्यात्मक है भगवान शिव के तन पर लगी भस्म मानव तन की नश्वरता की ओर संकेत है गले में धारण किए सर्प काल का प्रतीक है । उनके मस्तक पर लगा हुआ चन्द्रमा इस बात का प्रतीक है कि भगवान प्रकाश रूप है। भगवान शिव की बिखरी हुई जटाएं हमारे बिखरे हुए मन का प्रतीक है। भगवान शिव जी की जटाओं से बहती हुई गंगा इंसान को अपने घट के अन्दर अमृत की प्राप्ति की और प्रेरित करती हैं।उनके हाथ में सजा डमरू यह बताता है कि जब एक पूर्ण संत का संग होता है तो ऐसा ही संगीतमय डमरू हमें अपने ही अन्दर ही सुनाई देने लग जाता है।

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कथा के दौरान ज्योति प्रज्वल्लित की गई, जिसमें विशेष रूप में फूला वाले बाबा जी, साई राकेश शाह जी, राकेश शर्मा पूर्व चीफ सैक्रेटरी उत्तराखंड, सुशील शर्मा, मीनू करवा, जिला अध्यक्ष रजनी मनकोटिया, विनोद मनकोटिया, ममता शर्मा बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष, रजनी दीवान, एडवोकेट मंगल सिंह राणा, संजीव गुप्ता,श्री रमन ,राजेश कुमार राजू ,नरेश कुमार दीपू,राजेश कुमार गर्ग, रोहित संडल आदि शामिल हुए।
कथा में शिव पार्वती का विवाह बढी ही धूमधाम से मनाया गया। जिसके लिए कथा का समापन विधिवत प्रभु की पावन आरती से किया गया। जिसमे शहर के गणमान्य सज्जन सम्मलित हुए।

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