सिविल अस्पताल के जन औषधि केंद्र में मरीजों को नहीं मिल रही डाक्टरों की पर्ची पर लिखी दवाएं

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। सिविल अस्पताल कपूरथला के जन औषधि केंद्र में मरीजों को दवा नहीं मिल रही है। कभी कभार कुछ दवाएं मिल जाती है लेकिन अधिकांश जरुरी दवाएं जन औषधि केंद्रों पर न मिलने की वजह से मरीजों को बाहर के मैडीकल स्टोर से दवा लेनी पड़ती है। अस्पताल के ज्यादातर डाक्टर भी साल्ट की बजाय ब्रांड लिख रहे हैं। सिविल अस्पताल व जन औषधि केंद्र का दौरा करने पर देखा कि वहां पर ब्रांड की दवाइयां ज्यादा एवं साल्ट की कम थी। उधर, सूत्रों के अनुसार डाक्टर जन औषधि केंद्र की दवाईयां नहीं लिखते और कहते हैं कि उन दवाइयों में कुछ नहीं होता। सिविल अस्पताल में कहीं भी जन औषधि दवाई के बारे में कहीं कोई सूची दिखाई देती है। पिछले सात सालों से केंद्र सरकार की ओर से भेजी जा रही साल्ट दवाइयां भी स्टोर पर पूरी तरह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि डाक्टर ब्रांड ही लिखेगा तो अन्य कंपनी की वही साल्ट वाली दवाई कैसे मिलेगी। उधर, सिविल अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल की ओर से मुहैया करवाई गई दवाइयां भी नहीं मिल रही है।

Advertisements

मरीजों का कहना है कि डाक्टरों की ओर से लिखी गई अधिकतर दवा उन्हें निजी मैडीकल स्टोर से खरीदना पड़ता है क्योंकि वह जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध ही नहीं होती। हालांकि सिविल अस्पताल में 2 जन औषधि केंद्र है लेकिन मरीजों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में हर रोज लगभग 750 मरीज उपचार के लिए आते हैं। अलग-अलग विभाग के ओपीडी में 11 माहिर डाक्टरों की ओर से मरीजों की जांच कर दवाइयां लिखी जाती है। डाक्टरों की ओर से लिखी गई दवा मरीजों को अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर नहीं मिलती। सिविल अस्पताल में कुल 125 किस्म की दवाइयां उपलब्ध है। इसके बावजूद भी डाक्टरों की तरफ से लिखी जाती दवाइयां सिविल अस्पताल के अंदर से मिलने की बजाए बाहर से मिलती है। फार्मासिस्ट गुरमुख सिंह ने बताया कि जेनरिक दवाईयां लगभग 250 तरह की उपलब्ध है। जो दवाईयां नहीं है, उसे मरीज बाहर से खरीदते हैं। जिले में दो औषधि केंद्र है, जहां पर डाक्टर की लिखी साल्ट दवाईयां ही दी जाती है। सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आई गांव किशन सिंह वाला निवासी महिंदर कौर व अवतार सिंह ने बताया कि चैकअप करने के बाद डाक्टर ने पर्ची पर कुल चार दवा लिखी है। इनमें से सिर्फ एक दवा अस्पताल के मैडीकल स्टोर पर मिली है। उन्हें बाकी दवाइयां निजी मैडीकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है, जिसमें 700 रुपये खर्च हुए हैं। गांव नवा ठट्टा निवासी सुरिंदर कौर ने बताया कि वह हार्ट की समस्या के कारण सिविल अस्पताल से इलाज करवा रही है। डाक्टर की तरफ से लिखी गई सभी दवाईयां बाहर से ही लेनी पड़ती है। अस्पताल में दवा नहीं मिलने से उन्हें अधिक पैसे खर्च कर निजी मैडीकल स्टोर से दवा खरीदना पड़ता है। फूलेवाल निवासी राम सिंह ने बताया कि वह पेट की बीमारी से पीडि़त है तथा सिविल अस्पताल में उपचार करवा रहा है। डाक्टर की ओर से लिखी गई छह दवाइयों में से सिर्फ तीन दवाइयां ही अस्पताल से मिली है। बाकी दवाइयां बाहर के मैडीकल स्टोर से खरीदनी पड़ी। इस संबंध में एसएमओ डा. संदीप धवन से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि डाक्टर साल्ट लिखते हैं और जन औषधि केंद्र पर सभी साल्ट की दवाइयां उपलब्ध है। यदि कोई डाक्टर ब्रांड लिखता है तो उसके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here