भ्रष्ट वन अधिकारियों द्वारा जबरन वसूली के रैकेट का पर्दाफाश, स्टिंग वीडियो आए सामने

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। एक तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार खतम करने पर जोर दे रहे है और दूसरी तरफ मान की परवाह किए बगेर पंजाब वन विभाग के अधिकारी सरेआम मोहाली के एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी के बेटे से रिश्वत ले रहे हैं। मामला तब प्रकाश में आया जब एक सेवानिवृत्त प्रतिष्ठित भारतीय सेना अधिकारी-लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस संधू, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, डब्ल्यूडब्ल्यूआईसीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ वन विभाग द्वारा गांव मसोल, जिला मोहाली में फार्म के विकास के संबंध में एक झूठी एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी। डब्ल्यूडब्ल्यूआईसीएससमूह के वरिष्ठ निदेशक और लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस संधू के बेटे देविंदर संधू ने जबरन वसूली रैकेट की पूरी बात को विस्तार से बताते हुए कहा “उपरोक्त मामले में मोहाली के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह ने कई बार विभिन्न माध्यमों से मुझसे संपर्क किया और पैसे की मांग की। मेरे द्वारा रिश्वत देने का विरोध करने के बाद, उन्होंने 24 अप्रैल, 2022 को नयागांव पुलिस स्टेशन में वन रेंज अधिकारी, रंजोध सिंह से पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) के उल्लंघन के लिए झूठी शिकायत दी गई और इसके बाद फिर डीएफओ गुरमनप्रीत से मिलने का संदेश भी दिए गए। उन्होंने आगे कहा, ” दुखी हो मैंने इस झूठे मामले को दर्ज करने में संलिप्त अफसरों का पर्दाफाश करने के लिए 30 अप्रैल 2022 को डीएफओ के साथ प्रस्तावित बैठक को स्पाइ कैमरे में रिकार्ड करने का फैसला किया। हरमोहिंदर सिंह “हम्मी”, जो की एक रियल एस्टेट ब्रोकर और वन विभाग का ठेकेदार है ने यह मीटिंग रखवाई और कहा कि डीएफओ ने जो 2 लाख रुपए मांगे हैं वो लेकर आयें और तय अनुसार उन्होंने ( देविंदर) डीएफओ गुरमनप्रीत को 2 लाख रुपए रिश्वत दी, जिसका वीडियो में प्रमाण आ गया है ।

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संधू ने आगे बताया “वन अधिकारी इस रिकॉर्डिंग से बेखबर थे और डील को आगे ले जाते हुए, डीएफओ गुरमनप्रीत ने वन संरक्षक विशाल चौहानके निर्देश पर,उपरोक्त परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये अग्रिम राशि और उसके बाद मासिक आधार पर 10 लाख रुपये और प्रत्येक भूमि पार्सल/ फार्म प्लॉट की बिक्री के लिए 5 लाख रुपये की मांग रखी। संधू ने आगे बताया कि गुरमनप्रीत ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने यह राशि नहीं दी तो विभाग उनके खिलाफ सखत से सख्त कार्रवाई करेगा और उन्हें इस परियोजना के साथ आगे नहीं बढऩे देगा। चूंकि संधू वन अधिकारियों की जबरन वसूली की मांग को पूरा करने के लिए सहमत नहीं था, इसलिए उसके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल बीएस संधू के खिलाफ वन विभाग द्वारा पहले से 24 अप्रैल, 2022को नयागांव पुलिस स्टेशन में दी गई झूठी शिकायत के आधार पर 9 मई 2022 को एफ.आई.आर दर्ज की गई । संधू ने स्पष्ट किया कि उनकी जमीन कृषि भूमि है और वह पीएलपीए की धारा 4 के किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।

“इंडियन फोरसेट ऐक्ट ने भूमि को अधिसूचित नहीं किया है इसलिए इस पर इंडियन फोरसेट ऐक्ट नहीं लगता और गाँव का राजस्व रिकॉर्ड में यह वन भूमि के तोर दर्ज नहीं है बल्कि स्पष्ट रूप से ऐग्रिकल्चरल/कृषि भूमि है । इसके साथ साथ यह भी याद रखें कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्णय है कि पीएलपीए अधिसूचना किसी भी भूमि को वन भूमि नहीं बना सकती। प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन करते हुए, देविंदर संधू ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से गुरमनप्रीत सिंह (डीएफओ मोहाली) और विशाल चौहान (वन संरक्षक) के खिलाफ जबरन वसूली की कड़ी कार्रवाई कर मामले दर्ज करने का अनुरोध किया और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के लिए मामले की जांच कराई।

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