होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब पूर्व विधायक एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस नोट में एसोसिएशन के प्रवक्ता जस्टिस निर्मल सिंह व पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने बताया कि नव: गठित गैर राजनीतिक संस्था, पंजाब पूर्व विधायक एसोसिएशन की बैठक में पंजाब की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार कि पूर्व विधायकों की पेंशन व सुरक्षा घटाने के समय जो बेवजह अपमानजनक टिप्णिया की गई है वह निंदनीय हैं। पेंशन व सुरक्षा बारे फैसले लेना सरकार के अधिकार क्षेत्र में परन्तु यह दिखाने की कोशिश करना की मौजूदा मुख्यमंत्री व आप विधायकों से कोई अधिक बुद्धिमान तथा पंजाब का शुभ चिंतक नहीं हैं या पहले किसी ने पंजाबियत के लिए काम ही नहीं किया एक गलत परम्परा की शुरुआत की गई हैं।
श्री सूद ने कहा कि हाल ही पूर्व विधायक एसोसिएशन की बैठक को सम्बोधित करते हुए जस्टिस निर्मल सिंह पूर्व विधायक द्वारा रहस्योद्घाटन किया कि पंजाब एडवोकेट जनरल के कार्ययालय में कुछ लॉ अफसरों की 178 असामिये का मरने के लिए की जा रही कारवाई के संदर्भ में एक व्यक्ति ओ.पी. जिंदल की प्रतिबेनती पर पंजाब सरकार ने मीमो न. 7 /3/20218 c 1/794 दिनांक 9-12-2021 को ए. जी कार्यालय से राय मांगी थी कि क्या ऐ. जी. ऑफिस में एस.सी. बी रिजर्वेशन इन सर्विस एक्ट 2006 की धाराओं के अंतर्गत जिसमें, कच्चे तथा ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारियों को भी संविधान के अनुसार आरक्षण देने का प्रावधान हैं कच्चे ला अफसरों को आरक्षण से वंचित रखा जा सकता है उस पर पंजाब के मौजूदा ऐ.जी जिसे भगवंत मान सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है ने अपने पत्र दिनांक 21-04-2022 में यह लिख कर ऐ. जी आफिस में आरक्षण न देने की सिफारिश की हैं कि अनुसूचित जाती तथा पिछड़ी श्रेणी के लोगों की बुद्धि की क्षमता में कमी होने के कारण उन्हें उपरोक 2006 के कानून के अनुसार आरक्षण न दिया जाये जो कि सरासर अनुसूचित जातियों तथा पिछड़ी श्रेणी से छूतछात तथा अस्पृशत दर्शता हैं, जबकि अनुसूचित जाती के लाखों लोग, बड़े-बड़े डॉक्टर, वकील, जज तथा राष्ट्रपति आदि के उच्च पदों पर सफलता से काम कर चुके हैं तथा अब भी तैनात हैं।
ऐ.जी की इस अनुसंशा को पंजाब के मुख्यमंत्री ने अक्षरसः स्विकार करके अनुसूचित जातियों तथा पिछड़ी श्रेणी के लोगों को ऐ.जी आफिस में कच्चे पदों पर न लगाने के हुक्म जारी कर दिए जो कि डॉकटर भीम राव अम्बेडकर के लिखे पवित्र सविधान की उंघना ही नहीं परन्तु ऐ.सी, एस.टी,इलेक्ट्रोसिटी निरोधक कानून की उलघना के अंतर्गत अपराध भी हैं। इस लिए पंजाब पूर्व लेजिस्लेटर एसोसिएशन ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा उसके सम्बन्धित अधिकारियों पर उपरोक्त कानून के अंतर्गत एफ.आई. आर दर्ज करके कारवाई करने की भी मांग रखी हैं। इस मौके पर मास्टर मोहन लाल, मदन मोहन मित्तल, गुरविंदर सिंह अटवाल, अरुणेश शकर, तरलोचन सिंह, महताब सिंह, राकेश पांडे, गुरतेज सिंह, गुरतेज सिंह घुरिआना, वीर दविंदर सिंह, रंजीत सिंह छज्जल वड्डी, श्रीमती मोहिंदर कौर, देस राज दुग्गा, तेज प्रकाश सिंह आदि भी उपस्थित थे।