रेवेन्यू अधिकारियों के खिलाफ राजनीतिक बदलाखोरी नीति के तहत काम कर रही है मौजूदा सरकार: एसोसिएशन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब रेवेन्यू आफिसर्स एसोसिएशन की तरफ से किए जा रहे संघर्ष संबंधी लॉ भवन चंडीगढ़ में बैठक की गई। इसमें प्रदेश के 100 से अधिक रेवेन्यू अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में रेवेन्यू विभाग द्वारा सस्पैंड किए गए 4 अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने अपने साथ हुई धक्केशाही के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें सस्पैंड करने से पहले उन्हें कोई भी शो-कॉस नोटिस नहीं दिया गया या अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। नई बनी सरकार द्वारा राजनीतिक बदलाखोरी की नीति के साथ ऐसे कार्यों के लिए सस्पैंड किया गया है, जिस संबंधी सरकार की हिदायतें अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। इस मौके पर रेवेन्यू अधिकारियों ने नई सरकार की मुलाजिम विरोधी इस राजनीतिक बदलाखोरी की नीति की कड़े शब्दों में निंदा की तथा सरकार को सुझाव दिया कि ऐसी सख्त कार्यवाही करने की बजाए मुलाजिमों को उनके मौजूदा स्टेशनों से बदल देना उचित होगा। सभी ने चर्चा की कि सरकार द्वारा रजिस्ट्रियों में एनओसी की जरुरत संबंधी हिदायतें स्पष्ट नहीं हैं, जिस कारण आम जनता और रेवेन्यू अधिकारियों को बहुत मुश्किल तथा मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा सरकार की तरफ से रेवेन्यू अधिकारियों के खिलाफ एनओसी के बिना रजिस्ट्रियां करने के कारण सस्पैंड करने की कार्यवाही ने सभी रेवेन्यू अधिकारियों में दशहत का माहौल पैदा कर दिया है। क्योंकि, पिछले एफसीआर साहिब के स्पिकिंग अर्डर 22 नवंबर 2021 के अनुसार ऐसी रजिस्ट्रियों पर कोई रोक नहीं थी।

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माननीय हाईकोर्ट के आदेशों 4 अप्रैल 2022 तथा सरकार के पत्र 24 मई 2022 एवं 26 मई 2022 के साथ बिना एनओसी से रजिस्ट्रियों पर मुकम्मल रोक लगाई गई है। परन्तु इस संबंधी डिटेल हिदायतें जारी नहीं की गईं तथा न ही इस संबंधी पुडा या म्यूनिसिपल कमेटियों व कारपोरेशन कारपोरेशनों द्वारा अनाधिकृत कालोनियों संबंधी खसरा नंबरों की अपडेट लिस्ट दी गई हैं, जिस कारन ऐसी रजिस्ट्रियां करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जो अनाधिकृत कालोनी का हिस्सा नहीं है। अगर आम जनता को अपनी बनती सरकारी फीस जमा करवाकर एनओसी लेना भी चाहता है तो उन्हें पुडा या कारपोरेशन द्वारा यह कहकर वापिस भेज दिया जाता है कि इस संबंधी उनके पास कोई पालिसी मौजूद नहीं है या इस क्षेत्र में एनओसी की जरुरत नहीं है। ऐसी असमंजस की स्थिति में आम जनता का सारा दवाब तथा गुस्सा रेवेन्यू अधिकारियों पर केन्द्रित हो जाता है तथा रेवेन्यू अधिकारियों की स्थिति तरसयोग हो जाती है। एक रेवेन्यू अधिकारी ही इस बात को समझ सकता है कि एक बूढ़ी मां को रजिस्ट्री के लिए मना करना कितना मुश्किल हो जाता है, जो अपना प्लाट बेचकर अपने बेटे के कैंसर का इलाज करवाना चाहती है यां एक गरीब बाप जो अपना प्लाट बेचकर अपनी प्यारी बेटी का विवाह करना चाहता है। इस संबंधी सभी रेवेन्यू अधिकारियों द्वारा सरकार को लिखित तौर पर निवेदन किया गया कि रजिस्ट्री में एनओसी की जरुरत संबंधी हिदायतों को पूरी तरह से स्पष्ट किया जाए तथा इस संबंधी खसरा नंबर वाइज़ अपडेटेड लिस्ट भी दी जाए। जब तक इस संबंधी डिटेलड हिदायतें तथा लिस्टें नहीं जाती तब तक वह रजिस्ट्रेशन का काम करने में असमर्थ हैं।

उन्होंने सरकार से यह भी अपील की कि रजिस्ट्रेशन संबंधी किसी बड़े अधिकारी या अन्य विभाग की ड्यूटी लगाई जाए, क्योंकि रेवेन्यू अधिकारी सीधे तौर पर आम लोगों के संपर्क में हैं और उन्हें बेबस जनता की मजबूरियों को अनदेखा करके रजिस्ट्रियां वापिस भेजते समय मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर किसी अधिकारी द्वारा रजिस्ट्री करते समय जनता के पक्ष का कोई फैसला लेना पड़ता है तो सरकार द्वारा उन्हें शंका की नजऱ से देखा जाता है तथा उनकी ईमानदारी पर भी सवालिया निशान लगाए जाते हैं। इसलिए यह बेहतर होगा कि सरकार अपने भरोसेयोग्य अधिकारियों से रजिस्ट्रिेशन का कार्य करवाए। इसके साथ ही अधिकारियों ने इस बात की भी आलोचना की कि पंजाब के समस्त रेवेन्यू अधिकारी पिछले तीन दिन से छुट्टी पर हैं और सरकार ने इस मुश्किल को हल करने के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। इस बात से ही मौजूदा सरकार की रेवेन्यू अधिकारियों के प्रति तता आम जनता की समस्याओं के प्रति संजीदगी जाहिर होती है। सभी रेवेन्यू अधिकारियों ने फैसला लिया कि वे अगले तीन दिन 6, 7 व 8 जून को छुट्टी पर रहेंगे। इस दौरान जनता को पेश आने वाली परेशानियों की सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस दौरान फैसला लिया कि 6 जून को आप्रेशन ब्लू स्टार की बरसी मौके लगाई गई ड्यूटी को वह निभाएंगे।इस दौरान इस दौरान उन्होंने संघर्ष की अगली रणनीति 8 जून को तय करने का निर्णय लिया। उक्त जानकारी प्रदेश अध्यक्ष गुरदेव सिंह धाम ने दी।

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