नशों के बारे में जागरूकता ही बचाव है: काऊंसलर संदीप कुमारी 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री संदीप हंस आई.ए.एस. माननीय डिप्टी कमिशनर-कम-चेयरपर्सन जि़ला नशा मुक्ति पुनर्वास सोसायटी होशियारपुर, सिविल सर्जन होशियारपुर तथा डॉ. हरबंस कौर डिप्टी मैडिकल कमिशनर होशियारपुर जी के निर्देशानुसार आज श्रीमति उर्मिला देवी आयुर्वेदिक कॉलेज ऑफ मेडिकल साईंसिज़  तथा हस्पताल खड़का होशियारपुर में नशीले पदार्थों के दुरूपयोग तथा नाजायज़ तस्करी के विरूद्ध अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जिसमें नशाखोरी के बारे में तथा इसके ईलाज के बारे में डॉ. मीनाक्षी नाथ प्रिंसीपल के सहयोग से इंस्टीचियूट कैम्पस में नशाखोरी के बारे जानकारी सम्बन्धी, नशीले पदार्थों के दुरूपयोग तथा नाजायज़ तस्करी के विरूद्ध अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, आर्थिक, सभ्याचारक, पारिवारिक तौर पर प्रभावों के बारे में जागरूकता सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें काऊंसलर संदीप कुमारी ने कहा कि  यू.एन.ओ ने 26 जून, 1989  को फैसला लिया था कि हर साल 26 जून को विश्व स्तर पर यह दिवस मनाया जायेगा। जिसका मकसद समाज में नशीले पदार्थों के दुरूपयोग तथा नाजायज़ तस्करी के विरूद्ध जागरूकता पैदा करना है।  

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वर्ष 2022 के लिए यू.एन.ओ.डी.सी. का थीम है ’’एडरैसिंग ड्रग चैलंेजिस इन हैल्थ एण्ड हयुमैनेटेरियन क्राईसिस’’। इस अवसर पर  काऊंसलर संदीप कुमारी ने बताया कि नशा एक मानसिक बिमारी है, नशाखोरी लम्बे समय तक चलने वाली बार-बार होने वाली बिमारी है तथा नशाखोरी के शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक बुरे प्रभावों के बारे मे जानकारी दी। इसका इलाज सरकारी सेहत संस्थाओं में मुफ्त में किया जाता है। उन्होने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त सेहत तथा परिवार भलाई विभाग पंजाब सरकार द्वारा ओ.ओ.ऐ.टी. क्लीनिक खोले गए हैं जिनमें जीभ के नीचे रखने वाली दवाई बुपरोनैफरिन, निलाकसन मुफ्त में दी जाती है तथा इजाल किया जाता है। इन केन्द्रों में परिवार की लिखित सहमति के पश्चात मरीज की अच्छी तरह जांच कर दवाई दी जाती है, यह सारी प्रक्रिया ऑनलाईन माध्यम से की जाती है। इस अवसर पर प्रशांत आदिया ने कहा कि नशाखोरी का इलाज सरकारी नशा मुक्ति केन्द्र सिविल अस्पताल होशियारपुर में मनोरोग विशेषज्ञ डा. राज कुमार, दसूहा में मनोरोग विशेषज्ञ, सिविल अस्पताल मुकेरियां में मनोरोग विशेषज्ञ नशाखोरी के मरीजों का इलाज डाक्टरों तथा सेहत कर्मचारियों की सीधी देख रेख में किया जाता है, उन्होने कहा कि नशाखोरी के इलाज के दौरान नशा मुक्ति केन्द्र सिविल अस्पताल दसूहा तथा होशियारपुर में मरीज को 15-21 दिन तक डीटॉक्सीफिकेशन किया जाता है, इसक पश्चात मरीज को पुनर्वास केन्द्र मुहल्ला फतेहगढ़, होशियारपुर में जहां डा. गुरविंदर सिंह मैडीकल अधिकारी की देख रेख में मरीज को 90 दिन के लिए रखा जाता है, इस दौरान मरीज की व्यक्तिगत काऊंसलिंग, ग्रुप काऊंसलिंग, अध्यात्मिक काऊंसलिंग, परिवारिक काऊंसलिंग, मैडीटेशन, कसरत, योगा, खेलें, वालीवाल गेम, बैडमिंटन आदि खुला हवादार , पैसको सुरक्षा, सी.सी.टी.वी. आदि का प्रबन्ध है।

दूसरा नशाखोरी के इलाज के लिए ओ.ओ.ऐ.टी. क्लिनिक हैं, यह केन्द्र जिला स्तर पर सरकारी पुनर्वास केन्द्र कमप्लेक्स, उप-मंडल स्तर पर सिविल अस्पताल दसूहा, मुकेरियां, गड़शंकर, सी.एच.सी. स्तर पर माहिलपुर, मंड पंधेर, बुढाबड़, टांडा, शाम चौरासी, हाजीपुर, बीनेवाल, हरियाणा, भूंगा, हारटा बडला (चब्बेवाल), केन्द्रीय जेल आदि में किया जाता है तथा मौजूदा पंजाब सरकार के प्राईमरी सेहत केन्द्रों में शुरु किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए जिला हैल्प लाईन 0188244636 पर सम्पर्क किया जा सकता है। इसके पश्चात प्रशांत आदिया तथा संदीप कुमारी, समूह प्रोफेसर साहिब तथा छात्रों को नशाखोरी से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर डा मीनाक्षी नाथ प्रिंसीपल, डा. दीपिका मिनहास, डा. अनुपमा कुमारी, डा. ज्योति सरोया, डा. शिवानी शर्मा, डा. पूजा ठाकुर, डा. अजय सिंह, डा. अजय राणा, डा. मृदू शर्मा वाईस प्रिंसीपल आदि उपस्थित थे।

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