होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम के तत्वाधान में योग भवन में मनाए जा रहे चार दिवसीय ब्याज पूजा महोत्सव के पहले दिन हवन यज्ञ के पश्चात श्री योग महादिव्य रामायण का अखंड पाठ आरंभ किया गया | इस उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के आचार्य चंद्र मोहन अरोड़ा ने कहा कि व्यास पूजा का पर्व भारतीय संस्कृति का सर्वोच्च पर्व है | यह पर्व हमारे जीवन में गुरु के महत्व को दर्शाता है |
उन्होंने कहा कि अनादि काल से इस पर्व को मना कर श्रद्धालु अपने गुरु के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने उनके जीवन को सही रास्ते पर लाकर उन पर जो उपकार किया है उस के बल पर वह अपना जीवन सफल बना रहे हैं | उन्होंने कहा कि ईश्वर जब जीवों का उद्धार करने तथा उन्हें भवसागर से पार उतारने का निश्चय करता है तो वह गुरु के रूप में उन्हें एक ऐसी ताकत प्रदान करता है जिसके बल पर वह इस भवसागर को पार करने में सक्षम हो जाते हैं | उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में जब गुरु एक स्थान पर निवास करते हैं तो शिष्य उनके पास आकर मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं| उन्होंने कहा कि परमात्मा की माया से जीव संसार की वस्तुओं की तरफ आकर्षित होता है | माता के गर्भ में अंधकार में होता है जब बाहर आता है तो संसारी मोह माया उसकी बुद्धि पर पर्दा डाल देती हैं | उसे ठीक गलत का पता नहीं चलता | इसी अंधकार को दूर करने के लिए जब परमात्मा की कृपा होती है तो मनुष्य को गुरु प्राप्त होते हैं | गुरु अपने शिष्य को सांसारिक अंधकार से निकालता है | उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों पर जाकर संसार की वस्तुएं मांगने से कोई लाभ नहीं |
हमारा लक्ष्य तो केवल गुरु की अशीष प्राप्त करना होना चाहिए | सांसारिक वस्तुएं हमें अंधकार की ओर ले जाती है | उन्होंने कहा कि जगत और अविद्या का आपसी संजोग है | केवल गुरु ही विवेक के बल पर इस संजोग को तोड़ने की विधि शिष्य को प्रदान करते हैं | उन्होंने कहा कि जो शिष्य गुरु के ज्ञान पर संदेह प्रकट करता है वह संसार में भटकता रहता है | इस उपरांत अमिता रश्मि ने भी गुरु पूजा के संबंध में अपने विचार रखे | अंजना कुमारी ने प्रभु जी तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए भजन गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया | इस उपरांत आरती के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया | फोटो कैप्शन : हवन यज्ञ करते आचार्य चंद्र मोहन अरोड़ा व अन्य तथा उपस्थित श्रद्धालु |