दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा किसी भी समाज का रीड की हड्डी होता है। परिवार के भरण-पोषण की सारी जिम्मेवारी युवाओं पर होता है। विकासशील और पिछड़े हुए देशों में युवाओं का बेरोजगार रहना एक बड़ी चिंता की बात है। बेरोजगारी के कारण युवाओं को अपनी क्षमता से कम स्किल वाले रोजगार में कार्य करना पड़ रहा है। आज युवा कौशल विकास दिवस पर चर्चा करते हुए भाजपा जिला महामंत्री सतपाल शास्त्री कहा इसी को देखते हुए श्रीलंका की पहल पर 11 नवंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस रूप में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा यह दिवस 15 जुलाई 2015 को पहली बार मनाया गया था। यह दिवस युवाओं के कौशल विकास में निवेश के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। शास्त्री तथा वशिष्ठ ने कहा भारत एक युवाओं का देश है। यहां लगभग 42 करोड़ जनसंख्या युवाओं की है। परंतु इस अनुपात में सभी युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। देश के युवा शक्ति को देते हुए भारत सरकार ने कौशल विकास योजनाओं की शुरुआत की। कौशल योजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 15 जुलाई 2015 को प्रथम अंतरराष्ट्रीय युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य पर प्रधानमंत्री ने किया गया था।
उन्होंने कहा इसके तहत वर्ष 2022 तक भारत के लगभग 40 करोड लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य है। जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया इस योजना में तीन महीने, छह महीने और एक साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। कोर्स पूरा होने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र पूरे देश में मान्य होता है। जिससे रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा युवाओं के कौशल पर इस तरह से जोर दिया जाता है! ताकि उन्हें रोजगार मिल सके आज उद्यमिता में सुधार हो सके। उन्होंने कहा परंपरा संबंधित सभी विषयों के लिए प्रशिक्षण जैसे बड़ई, मोची, वेल्डर, लोहार, राजमिस्त्री, दर्जी, बुनकर इत्यादि को आर्थिक समर्थन एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा युवा इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आएं।