शिक्षा सुधार दावों पर ग्रहण: आज नहीं खुले सरकारी स्कूल गगनोली के ताले, अध्यापक पर कार्यवाही की मांग

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। एक तरफ प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर सुधार लाने एवं बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के सरकारी दावों पर आज उस समय ग्रहण लगता दिखाई दिया, जब सरकारी प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थी स्कूल के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ देख कर वापिस लौट गए। पता चला है कि आज यह पहले दिन नहीं है कि जब स्कूल से बच्चे बिना पढ़ाई किए ही लौटे हों, इससे पहले भी बच्चों को इस प्रकार की छुट्टी के मजे मिलते रहे हैं। हालांकि बच्चों के लिए छुट्टी भले ही मजे का विषय हो सकता है, लेकिन यह उनके भविष्य के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ है। पता चला है कि विभाग द्वारा जिस अध्यापक की यहां पर तैनाती की गई है वह इतने लापरवाह हैं कि वह किसी की सुनने को तैयार नहीं तथा इसके चलते गांव की पंचायत ने विभाग से उसे बदलने तक की मांग कर रखी है। लेकिन पता नहीं किन कारणों के चलते अध्यापक वहीं बना हुआ है। जबकि इससे पहले भी उक्त अध्यापक को शिकायतों के कारण ही कई स्कूलों से बदला जा चुका है। अब पता चला है कि विभाग द्वारा उसे नौकरी से निष्काशित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, मगर वो भी परवान नहीं चढ़ रही।

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जानकारी अनुसार सरकारी प्राइमरी स्कूल गगनोली से सुबह हमें जानकारी मिली कि सुबह के 10 बज चुके हैं और अभी तक स्कूल के ताले भी नहीं खुले। मौके पर जाकर जब देखा गया तो वहां पर इसकी सूचना पाकर पहले से पहुंची सरपंच रणजीत कौर व अन्यों ने बताया कि स्कूल अध्यापक मनमर्जी से ही स्कूल आते हैं और कभी भी समय पर नहीं आए। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने गांव के स्कूल में इस तरह का अध्यापक नहीं चाहिए तथा इसे तुरंत प्रभाव से बदला जाए।

इसी बीच सूचना पाकर पहुंचे सैंटर हैड टीचर जगतार सिंह ने बताया कि हैड होने के नाते उन्हें तो पहुंचना ही था तथा उन्होंने आकर स्कूल के ताले खुलवाएं हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह किसी अन्य अध्यापक की तैनाती यहां करवाते हैं तो उक्तच अध्यापक उसे हाजिरी लगाने के लिए रजिस्टर भी नहीं देते, जिसके कारण कोई भी अध्यापक यहां पर आने को तैयार नहीं तथा इसका नुकसान बच्चों को उठाना पड़ रहा है।मौके पर मौजूद मिड-डे-मील वर्कर ने बताया कि उन्हें अध्यापक का फोन आया था कि बारिश होने के कारण वह बच्चों को वापिस भेज दे और स्कूल का ताला लगा दे, उन्हें बैंक का काम है, वे कर लेते हैं।

लोगों ने सरकार एवं शिक्षा विभाग से मांग की कि इस स्कूल के अध्यापक को बिना देरी के बदला जाए और इस पर सख्त कार्यवाही की जाए ताकि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न कर सके। 11 बजे तक अध्यापक स्कूल नहीं पहुंचे थे। इस बारे में शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार इस स्कूल में तैनात अध्यापक संबंधी बहुत सारी शिकायतें मिली हैं तथा विभाग द्वारा इसे निष्काशित किए जाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

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