होशियारपुर में ‘देसी रोका शरबत’ की गूंज संसद व देश विदेश तक

-महिला सशक्तिकर्ण की मिसाल बना संध्या सैल्फ हैल्प ग्रुप : जिलाधीश
होशियारपुर,(द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट : गुरजीत सोनू : देश की संसद में जिला होशियारपुर के बने गुलाब शरबत से तरोताजा होती है। सवाद ऐसा कि हर कोई वाह वाह कर उठता है। यही कारण है कि होशियारपुर जिले के ब्लाक माहिलपुर के गांव मैली में महिलाओं की ओर से चलाए जा रहे सैल्फ हैल्प ग्रुप की गूंज संसद के साथ साथ देश विदश तक सुनाई दे रही है। इस ग्रुप की ओर से बनाए गए शरबत की संसद की ओर से 542 बोतलों की डिमांड की गई थी। इस के अलावा अमरीका, कैनेडा, कुवैत के अलावा देश के कई स्थानों की ओर से भी इस देसी रोज शरबत की डिमांड की जा रही है।
जिलाधीश विपुल उज्जवल ने बताया कि संध्या सैल्फ हैल्प ग्रुप की 14 महिलाओं की ओर से किया गया यह प्रयास महिला सशक्तीकर्ण की मिसाल बना है। उन्होंने बताया कि होशियारपुर को यह सम्मान दिलवाने में महिलाओं की कड़ी मेहनत का फल है और इन महिलाओं ने अपने हुनर का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया है। उन्होंने बताया कि स्व-सहायता ग्रुप से जहां महिलाएं आत्म निर्भर हो कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिती और मजबूत कर रही है, वहीं देश की आर्थिकता में भी बहुमूल्य योगदान डाल रही है। उन्होंने बताया कि खेती को और लाभदायक बनाने के लिए ऐसे सहायक धंधे काफी कारगर साबित हो रहे है। इस लिए खेती में रुची रखने वाली महिलाओं के साथ साथ पुरुषों को भी आने चाहिए। उन्होंने बताया कि स्व-सहायता ग्रुप खोलने के लिए सरकार की ओर से विशेष सिखलाई भी दी जाती है और कारोबार खोलने के लिए कर्जा भी मुहैय्या करवाया जाता है।
जिलाधीश विपुल उज्जवल ने कहा कि बेटीयां किसी से कम नहीं है, यह इस ग्रुप ने साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं मुहिम तभी कारगर साबित हो सकती है अगर बेटीयों को कोख में न मार कर अपने पैरों पर खड़े होने के अधिक से अधिक मौके प्रदान किए जाए। उन्होंने बताया कि सैल्फ हैल्प ग्रुप खोलने के चाहवान व्यक्ति जिले के खेतीबाड़ी विभाग से संपर्क कर सकते है और विभाग की ओर से अलग अलग कामों की विशेष सिखलाई भी दी जाती है।

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संध्या सैल्फ हैल्प ग्रुप खोलने में मोहरी भूमिका अदा करने वाली मैली गांव की लडक़ी विनोद कुमारी ने बताया कि स्व-सहायता ग्रुप के चलते ही वे तथा ग्रुप की सारी सदस्य आत्म निर्भर बन सकी है तथा उनकी ओर से परिवार की आर्थिकता में योगदान भी डाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से उनकी ओर से अपने प्रौडक्टस की अलग अलग किसान मेलों में प्रदर्शनियां भी लगाई जा रही है। इस के अलावा प्रशासन की ओर से उनको जरुरत पडऩे पर हर संभव सहायता भी दी जाती है। उन्होंने बताया कि उसने मैली गांव में 2005 में गांव की ही 13 महिलाओं के साथ संध्या सैल्फ हैल्प ग्रुप की शुरुआत की थी और यह ग्रुप हर तरह के आचार, मुरब्बे, चटनी, स्कैश, शहद, मक्की का आटा तथा दाले बनाता है। उन्होंने बताया कि पहले तो वे केवल आचार, मुरब्बे आदि तक ही सीमित थे, मगर पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना ने देसी गुलाब लगा कर उनको शरबत व गुलकंद बनाने का प्रोजोक्ट दिया तथा बकायदा इस की ट्रेनिंग दे कर उन को आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।
विनोद कुमारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के डा. आरके दूबे के मार्ग दर्शन से उन्हों साल 2014 में गांव में ही गुलाब की देसी कलम लगा कर गुलाब के फूल की पैदावार की। इन देसी गुलाब की पत्तियों से उन्होंने गुलकंद व गुलाब शरबत तैयार किया। ग्रुप द्वारा तैयार किया गया गुलाब शरबत अपनी तरह का ऐसा बेमिसाल शरबत बना कि उसकी चर्चा दिल्ली तक होने लगी। इसके चलते संसद में उन्होंने 542 बोतलों का आर्डर मार्च 2017 में मिला। इसके बाद ग्रुप का नाम जिले व पंजाब में ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी चमकने लगा। उन्होंने बताया कि यह कारोबार उन्होंने 10 हजार रुपये की छोटी बचत से शुरु किया था, मगर लोगों से मिले अच्छे रिस्पांस से उनका काम बढऩे लगा तथा 2013 में उन्होंने 10 लाख का कर्जा लेकर अपने काम को और आगे बढ़ाया।

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