ये उड़ान पंखों की नहीं हौसलों की है : जिलाधीश

– राज्य स्तरीय खेलों में विजेता रहे स्पैशल बच्चे सम्मानित
होशियारपुर,(द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट : गुरजीत सोनू जज्बा और जुनून हो तो इंसान लाख कमियों के बावजूद अपनी मंजिल को पा ही लेता है फिर चाहे शरीर साथ दे या ना दे। जिलाधीश विपुल उज्जवल ने यह बातें स्टेट स्पैशल भारत की तरफ से पटियाला में करवाई गई राज्य स्तरीय खेलों में विजेता रहे जिला होशियारपुर के स्पैशल बच्चों को सम्मानित करते हुए कहीं । इन खेलों में जिला होशियारपुर के इन विद्यार्थियों ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए थे।उन्होंने कहा यह बड़े गर्व की बात है ओवरऑल ट्रॉफी जिला होशियारपुर के नाम रही। उन्होंने कहा कि स्पेशल नीड्स वाले इन बच्चों को विशेष ट्रेनिंग के जरिए अच्छे मुकाम तक पहुंचाया जा सकता है,ऐसे में यह बच्चे अपने हौसलों को ही अपने पंख के तौर पर इस्तेमाल कर अपनी उड़ान को पूरा करने की क्षमता रखते हैं।

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चाहे कला के क्षेत्र की बात हो या फिर जीवन यापन के लिए नौकरी करने की। हौंसला हर घड़ी इंसान को अपनी पहुंच से ऊपर तक मेहनत करने को प्रोत्साहित करता है, जो वास्तविकता में कार्य परिणीत भी होती है। जिला शिक्षा अधिकारी सलविंदर सिंह समरा ने कहा कि ऐसे में जब खेल की बात आती है तो लोग अक्सर सोचने लगते हैं कि शारीरिक अक्षमता के लोग कैसे खुद को पहचान दिला पायेंगे, लेकिन आज खेलों में भी अपने दृढ़ निश्चय के बल पर शारीरिक अक्षमता को मात देते हुए कईयों ने अपनी अलग पहचान बना ली है।खेल चाहे जो भी हो पर एक बात तो साफ है कि पैसे और शोहरत की कमी इसमें नहीं है। तभी तो बहुतेरे लोग इसे अपना प्रोफेशन बनाने में लगे हैं।

इसमें शारीरिक सक्षम लोगों को तो लम्बी फौज है, पर एक वर्ग ऐसा भी है जो खेल को केवल जुनून और जीवन की कठिनाईयों से न हारने की जिद के आधार पर इसे अपना रहा है। इस वर्ग का विशेषण यह है कि शरीर के साथ नहीं देने के बावजूद उनका जज्बा ही उन्हें लगातार आगे बढऩे का हौसला देते हैं। इन्हीं हौसलों के जरिए ही आज दुनिया भर में कई ऐसे खेल अस्तीत्व में आ गये हैं जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। मसलन जिसके पैर साथ ना देते हो वह व्यक्ति भला कभी बास्केट बाल खेल सकता है, या फिर जिसने दुनिया के विभिन्न रंगों को देखा न हो वह टेनिस के खेल में बेहतरीन शॉट या निशानेबाजी में लक्ष्य पर सटिक निशाना लगा सकता है।

ऐसे और कई सवाल हैं जो दिमाग में उलझन पैदा करते हैं लेकिन अब यह सब सच हो गया है। तकनीक के कमाल और खिलाडिय़ों के कभी हार न मानने के जज्बे ने सब कुछ कर दिखाया है। जिला शिक्षा अधिकारी बलविंदर सिंह समरा ने बताया कि के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा रिया डढ़वाल ने 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल, और रिले दौड़ में भी रिया ने गोल्ड मेडल हासिल किया इसके इलावा स्पैशल रिसोर्स रूम रेलवे मंडी के छात्रों रोहित सागर नितिन 100 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडल हासिल किया।

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