अत्याधुनिक ईंट उत्पादन की ओर बढ़ता एस.के. ब्रिक्स

होशियारपुर/दसूहा(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। एस.के. ब्रिक्स (वासल ग्रुप) जिसकी नींव कृष्ण कुमार वासल जी ने 55 साल पहले रखी थी। उस समय जो भी साधन उपलब्ध थे, उसी के साथ इस कार्य की शुरुआत की गई थी तथा श्रमिकों के द्वारा हाथों से ईंटों का निर्माण किया जाता था। उस समय यातायात के साधन भी बहुत ज्यादा उपलब्ध नहीं थे, लेकिन समय के साथ और तकनीकी उन्नति के कारण यातायात के साधनों में भी सुधार हुआ। ईटों के स्थानांतरण के लिए पहले घोड़ों का इस्तेमाल किया जाता था जो कि समय के साथ-साथ ट्रैक्टर और ट्रॉली में परिवर्तित हो गया।

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साधनों की उपलब्धता के साथ-साथ ईटों की क्वालिटी भी अच्छी थी, परंतु इन ईंटों की तुलना में विदेशी ईटें मशीनों की सहायता से बनाए जाने के कारण क्वालिटी में बढिय़ा थी। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एस.के ब्रिक्स (वासल ग्रुप) ने विदेशों से मशीने मंगवा कर भों पर लगवाई। ये मशीनें सुदेश कुमारी बी.के.ओ. गग सुल्तान तथा शिवा इंडस्ट्री इट्टिया में स्थापित की गई हैं। मशीनों की सहायता से बनाई जाने के कारण ईंटों की क्वालिटी बहुत उभर कर सामने आई। विदेशों में जो ईटें बनाई जाती थी वह बहुत ही ज्यादा ऊंचे दामों पर मिलती थी, लेकिन एस.के. ब्रिक्स (वासल ग्रुप) ने लोगों को बहुत ही उचित दामों पर अच्छी क्वालिटी की ईटें उपलब्ध करवाई ।

आधुनिक मशीनों की सहायता से बनी होने के कारण ईटें एक ही आकार की होती हैं तथा हाथों से बनाई गई ईटों की तुलना में वह टूटती भी कम है । जब एक आदमी अपने घर के निर्माण के लिए इन ईंटों को खरीदता है , उसके साथ सीमेंट और रेत की खपत कम हो जाती है और लोगों का 10 से 15 प्रतिशत तक का खर्चा भी बच जाता है। श्री कृष्ण कुमार वासल जी ने बताया कि इन मशीनी ईटों की सफलता को देखते हुए बहुत जल्द ही वह अपने अन्य भों पर भी इन अत्याधुनिक मशीनों को स्थापित करेंगे। श्री कृष्ण कुमार वासल जी, संजीव कुमार वासल, डॉ. राज कुमार वासल जी तथा राघव वासल जी ने इन आधुनिक मशीनों को लगाकर अपने क्षेत्र के लोगों को एक बड़ी सौगात दी है।

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