होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर को नगर निगम का दर्जा मिलने उपरांत जिस तेजी के साथ विकास कार्यों के नींव पत्थर रखे गए, उतनी तेजी से शायद कई ठेकेदारों ने काम करना जरुरी नहीं समझा। जिसके चलते टैंडर होने के बावजूद लोगों को विकास के लिए महीनों तक प्रतीक्षा करने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा इस संबंधी पूछे जाने वाले जनता के सवालों के जवाब शायद मेयर सहित समस्त पार्षदों के पास नहीं था कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। मगर, ऐसे ठेकेदारों को सबक सिखाने के लिए नगर निगम ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है ताकि कोई भी ठेकेदार (सोसायटी व सभा) भविष्य में काम में कौताही न बरत सके। इसके लिए नगर निगम हाउस की बैठक में 6 ठेकेदारों (सोसायटी व सभा) को चयनित करके उन्हें तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं तथा काम न होने की सूरत में वे सभी अपने आप को एक वर्ष के लिए डी.बार समझें। नगर निगम द्वारा निगम बनने के बाद शायद पहली बार ऐसा सख्त फैसला लिया गया है। जिसका सभी ने स्वागत भी किया है।
नगर निगम हाउस की बैठक में लिया गया फैसला, विकास कार्यों में देरी किसी भी सूरत में नहीं की जाएगी बर्दाश्त:मेयर शिव सूद
शहर निवासियों द्वारा ये मांग पहले भी की जाती रही है कि जो ठेकेदार काम अलाट होने के बाद समय पर नहीं करते उन्हें काम देना बंद किया जाए तथा उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके साथ-साथ उन ठेकेदारों को रिवार्ड भी दिया जाए जो समयावधि में व उससे भी कम समय में काम संपन्न करके जनता को राहत पहुंचाते हैं।
जानकारी अनुसार निगम की बैठक में इस बार ये मुद्दा काफी छाया रहा और सभी ने एकमत से इस फैसले का स्वागत किया और सहमति जताई।
मिली जानकारी अनुसार जिन 6 ठेकेदारों (सोसायटी व सभा) को 4 सप्ताह के भीतर काम न करने पर डी-बार करने का प्रस्ताव पारित किया गया है, उनमें मै. अग्रवाल बिल्डर्ज होशियारपुर, दी बहादुरपुर सहकारी किरत तथा निर्माण सभा होशियारपुर, दी ग्रीन सहकारी श्रम एवं निर्माण सभा, बजवाड़ा सहकारी श्रम एवं निर्माण सभा होशियारपुर, दी नौशहरा सहकारी श्रम एवं निर्माण सभा होशियारपुर तथा मै. भारत इलैक्ट्रीकल शामिल हैं।
इस संबंधी बात करने पर मेयर शिव सूद ने कहा कि इस बार की हाउस की बैठक में ये प्रस्ताव पारित किया गया है तथा उक्त ठेकेदारों को 4 सप्ताह का समय दिया गया है कि वे अलाट कार्यों को पूरा करें। अगर वे ऐसा नहीं करते तो वे खुद ही अपने आप को एक साल के लिए डी-बार समझें। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में देरी किसी भी सूरत में न ही तर्कसंगत है और न ही इसे बर्दाश्त किया जाएगा।