होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सरकारी मिडिल स्कूल मिर्जापुर में ब्लॉक मेंटर सेवा सिंह ने सभी विषयों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए गणित को विशेष बल देते हुए देते हुए बच्चों से कहा-हम दिन की शुरुआत गणित के द्वारा ही करते है। हमारी समय-सूचक घड़ी भी जब समय बताती है तो वह कोई न कोई कोण का रूप ले लेती है। उन्होंने बच्चों को समझाया कि हमारे दिन, महीने, वर्ष भी गिनती से पहचाने जाते है। दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली प्रत्येक वस्तु का आकार भी गणित सूत्रों पर आधारित होता है। यहा तक कि हम जिस पथ पर चलते है वहाँ भी हमको गणित का मान (नियम) देखने को मिलता है। कहीं चौराहे पर सडक़ गोले का रूप ले लेती है तो कहीं तिराहे पर त्रिकोण बन जाती है। इस प्रकार हम जिन वस्तुओं का प्रयोग करते हैं वे किसी न किसी आकृति या कोण के बारे में संकेत करती है।
स्कूल प्रमुख रविंद्र पाल सिंह लुगाणा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहां के समझ’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग अक्सर किया जाता है, लेकिन इसको परिभाषित करना बहुत कठिन है। आमतौर पर इसका मतलब विद्यार्थियों द्वारा संख्याओं का लचीले ढंग से और प्रवाहपूर्ण तरीके से उपयोग करने की योग्यता होता है। संख्या समझ के अंतर्गत संख्याओं को अर्थ दिया जाता है , जिसका मतलब यह जानना है कि वे एक दूसरे के साथ किस प्रकार संबंधित हैं और उनके आपेक्षिक परिमाण क्या हैं। यह संख्याओं पर गणितीय संक्रियाओं के प्रभाव पर भी आधारित है, जैसे कि क्या किसी अन्य संख्या द्वारा दी गई संख्या का गुणन करने पर संख्या अधिक बड़ी या छोटी हो जाती है।
संख्यात्मक पहलुओं को समझने के लिए संख्या समझ का होना बहुत महत्वपूर्ण है। अध्यापक गुरमेल सिंह मिर्जापुरी ने कहा के संख्या समझ को सीखना और उसमें सुधार करना एक जीवन भर की गतिविधि है जिसका प्रारंभ बचपन से ही हो जाता है। विद्यालय में संख्याओं के बारे में और जानना और उनके साथ खेलना सिखाया जा रहा है और संख्याओं के स्वरूप और उनके बीच के संबंधों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अक्सर विद्यालय में पढ़ाए जाने वाले गणित में संख्याओं के साथ खेलने और उनका आनंद लेने जैसी चीज़ें नहीं होती थी।
इस इकाई का उद्देश्य उन गतिविधियों के रूप में संख्या खेलों की पहचान और उनका उपयोग करने के लिए विचार प्रदान करना है, जो विद्यार्थियों में संख्या समझ विकसित करने के लिए बेहतरीन शिक्षण पद्धति प्रदान करते हैं। इस अवसर पर मैडम परमजीत कौर, रजनीश कुमार गुलियानी, सिमरनजीत कौर, सरदार परमजीत सिंह जोड़ा,अमृतपाल कौर, इत्यादि उपस्थित थे।