1 अप्रैल 2020 के बाद जालसाज़ी से रजिस्टर्ड किए 5706 बी.एस-4 वाहन ब्लैकलिस्ट किए: भुल्लर


चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों का उल्लंघन कर जालसाज़ी से रजिस्टर्ड किए गए 5706 बी.एस-4 और अन्य वाहनों, जिनके टैक्स और दस्तावेज़ मुकम्मल नहीं थे, को ब्लैकलिस्ट कर दिया है और उनसे सम्बन्धित सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया है।  इस सम्बन्धी विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के अनुसार 31 मार्च, 2020 के बाद अधिक प्रदूषण फैलाने वाले बी.एस-4 वाहनों की रजिस्ट्रेशन पर मुकम्मल पाबंदी लगा दी गई थी, परन्तु इसके बावजूद धोखाधड़ी कर ऐसे वाहनों की रजिस्ट्रेशन की गई, जिनमें से परिवहन विभाग ने अब तक 5706 वाहनों की पहचान कर ली है।  

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कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जांच में सामने आया कि वाहन मालिकों, कंपनी डीलरों और आर.टी.ए./एस.डी.एम. कार्यालयों के क्लर्कों, सहायकों, अकाऊंटैंट्स और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इंजन नंबर, चासी नंबर सहित वाहन के निर्माण विवरणों में हेराफेरी कर रजिस्ट्रेशन करवाई गई और टैक्स चोरी किया गया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा उस समय कई वाहन डीलर ख़ुद को कार्यालय स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एस.टी.सी.) में रजिस्टर्ड करवाए बिना डीलरशिप करते रहे और ऐसे वाहनों का बड़े स्तर पर रजिस्ट्रेशन अपने नाम पर कर सरकार से धोखाधड़ी करने में शामिल पाए गए हैं। यहाँ तक कि ऐसे कई डीलरों ने जालसाज़ी से स्वयं को एन.आई.सी. (नेशनल इन्फ़ॉरमैटिक्स सैंटर) के पोर्टल पर रजिस्टर्ड करवा लिया था। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान कई वाहनों के रजिस्ट्रेशन सम्बन्धित दस्तावेज़ अधूरे पाए गए हैं।  

परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि विभाग ने धोखाधड़ी कर रजिस्टर्ड किए गए बी.एस-4 और अन्य वाहनों की सूची वैबसाईट पर अपलोड कर दी है। उन्होंने बताया कि अब तक 5706 वाहन की पहचान कर ली गई है और अन्य वाहनों की पहचान के लिए जांच जारी है।  कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दोषी कर्मचारियों और व्यक्तियों को किसी भी कीमत पर बख़्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सचिव परिवहन और स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हिदायत की है कि दोषियों से बनता टैक्स वसूलने की कार्यवाही आरंभ की जाए और उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और अन्य सम्बन्धित कानूनों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाए।

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