वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में हुआ 4886 केसों का मौके पर निपटारा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब स्टेट कानूनी सेवाएं अथारिटी के निर्देशों पर जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से आज जिले में इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। इस लोक अदालत में लोक अदालत में सिविल मामले, रेंट मामले, एम.ए.सी.टी, 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, फैमिली मैटर, लेबर मैटर्स, बैंक मामले, बिजली व पानी के बिल, ट्रैफिक चालान, कचहरी में पेंडिंग व प्री-लिटिगेटिव व अन्य मामलों का निपटारा करवाने संबंधी केस रखे गए।
जानकारी देते हुए सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल के नेतृत्व में जिले में लगाई गई लोक अदालत में कुल 29 बैंच बनाए गए। जिनमें से होशियारपुर ज्यूडिशियल कोर्ट में 11 बैंच, रेवेन्यू कोर्ट में 6 बैंच, उपभोक्ता कोर्ट में 1, सब-डिविजन दसूहा में 5 बैंच, मुकेरियां में 3 व गढ़शंकर में 3 बैंचों का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालतों में 7475 केसों की सुनवाई हुई व 4886 केसों का मौके पर निपटारा किया गया और कुल 12,96,55,644 रुपए के अवार्ड पास किए गए।

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लोक अदालत के लिए जिले में 29 बैंचों का किया गया गठन, वर्षों से लंबित मामलों का मौके पर ही किया गया निपटारा

इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान आज स्पेशल जेल लोक अदालत$कैंप कोर्ट का भी आयोजन किया गया। इस स्पैशल लोक अदालत$कैंप कोर्ट में सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से 12 केसों का मौके पर निपटारा किया गया। उन्होंने बताया कि जेल लोक अदालत $कैंप कोर्ट का आयोजन का उद्देश्य है कि अंडर ट्रायल प्रीजनर्ज को जेल लोक अदालत $कैंप कोर्ट लगाकर लंबे ट्रायल से बचाया जा सके, जिससे धन व समय दोनों की बचत होती है।
आज की राष्ट्रीय लोक अदाल में जिला एवं सत्र न्यायधीश-कम-चेयरमैन जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी दिलबाग सिंह जौहल के प्रयासों से एम.ए.सी.टी के दो केसों को सैटल किया गया, जिसमें से एक केस मधु बाला व अन्य बनाम अमृत पाल सिंह काकी व अन्य के केस में 15 लाख रुपए के साथ इस केस को समझौते से सैटल किया गया। दूसरा केस सतपाल सिंह व अन्य बनाम अमृत पाल सिंह व अन्य के केस में 14 लाख, 50 हजार रुपए में केस को समझौते के माध्यम से सैटल किया गया। यह दोनों केस चोलामंडलम कंपनी के थे, को लोक अदालत बैंच नंबर 01 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जतिंदर पाल सिंह खुरमी की ओर से आखिरी निर्णय सुना कर निपटारा किया गया।
उपरोक्त के अलावा बैंच नंबर 01 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जतिंदर पाल सिंह खुरमी की ओर से यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी होशियारपुर के एम.ए.सी.टी के चार केसों का निपटारा किया गया। यह केस बलजिंदर सिंह बनाम बनाम सतनाम सिंह के घायल होने पर केस में 3 लाख 50 हजार रुपए, दूसरे केस में रिया बनाम सतनाम सिंह के घायल होने पर केस में 6 लाख 50 हजार रुपए, तीसरा केस संदीप सिंह बनाम सतनाम सिंह के घायल होने पर केस में 2 लाख 4 हजार 300 रुपए व चौथा केस सर्बजीत कौर बनाम सतनाम सिंह के मौत के केस में 16 लाख 10 हजार रुपए से इन केसों का राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटारा करवाया गया। यह केस यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी होशियारपुर के डिविजनल मैनेजर हरदीप सिंह, जसविंदर सिंह व सहायक मैनेजर उपिंदर सिंह के सहयोग से उक्त केसों को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में लगाकर दोनों पक्षों का आपसी समझौता करवाया गया।
राष्ट्रीय लोक अदाल के दौरान गठित बैंच नंबर 3 की ओर से सिविल जज(सीनियर डिविजन) होशियारपुर रुपिंदर सिंह की ओर से पांच वर्ष से अधिक पुराने केस का आज राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते से निपटारा किया गया। अनीता रानी बनाम भूपिंदर सिंह केस में महिलाओं की सुरक्षा की धारा 12 के अंतर्गत मौजूदा शिकायतकर्ता घरेलू हिंसा एक्ट 2005 पटीशनकर्ता द्वारा जवाबदेह के खिलाफ दायर किया गया था। 11 अप्रैल 2017 को नोटिस का जवाब देने वाला पेश हुआ, इस केस में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने की संभावनाएं थी। इस तरह  दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाने के लिए लोक अदालत के गठित बैच सिविल जज(सीनियर डिविजन) होशियारपुर रुपिंदर सिंह के प्रयासों से दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाया गया। इस तरह पांच वर्ष से अधिक लंबे केस का निपटारा किया गया।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत के मौके पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों की ओर से ट्रैफिक भुगतान के लिए आए हुए व्यक्तियों के लिए स्पैशल हैल्प डैस्क लगाया गया ताकि अदालत में लगे हुए ट्रैफिक चालान आसानी से भुगते जा सकें। सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी की ओर से लोगों को अपील की गई कि अधिक से अधिक लोग अपने केसों को लोक अदालत में लगाएं जिससे समय व धन दोनों की बचत होती हैं। उन्होंने कहा कि इन लोक अदालतों के फैसले को दीवानी डिक्री की मान्यता प्राप्त है। लोक अदालत में फैसला होने के बाद केस में लगी सारी कोर्ट फीस वापिस मिल जाती है। उन्होंने कहा कि लोग अधिक से अधिक केसों के निपटारा इन लोक अदालतों के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में हुए फैसले की कोई भी अपील नहीं होती व इसका फैसला अंतिम होता है। उन्होंने बताया कि अगली लोक अदालत 13 मई को लगाई जाएगी।

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