हरियाणा(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि हरियाणा के नूह गांव में राजस्थान की पुलिस ने जो कहर किया, उसके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री माफी मांगें और अगर कोई मुआवजा उस बच्चे के लिए है जो जन्म लेते ही पुलिस की धक्केशाही, ज्यादती और जाहिलपने के कारण मर गया, तो उसके परिवार को दीजिए,उस बच्चे को दीजिए। हरियाणा पुलिस को भी यह जवाब देना पड़ेगा कि राजस्थान पुलिस उनके क्षेत्र में आकर जनता पर कहर बरसा गई तो हरियाणा पुलिस को पता क्यों नहीं लगा। अफसोस यह है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके। 75 वर्ष की आजादी हो गई, पर देश की पुलिस अभी भी अंग्रेजों के क्रूर ढंग अपनाकर जनता को डंडे से हांकती है।
बहुत अच्छा हो देश के गृहमंत्री पूरे देश की पुलिस को कोई शिक्षण प्रशिक्षण दिलवाएं कि जनता से कैसे बर्ताव किया जाता है और अपराधी को पकडऩे तक भी सख्ती ठीक है। उसमें भी मानवता रहनी चाहिए, पर उनके परिवारों के साथ जो जुल्म किया जाता है, घरों में तोडफ़ोड़ महिलाओं का अपमान और बच्चे की मौत ऐसे कार्य जो कर रही है उसे पुलिस कैसे कहा जा सकता है? क्या पुलिस का राज ऐसा ही चलेगा? किसी भी कानून से उुपर है पुलिस? दुश्मनों से लडऩा हो या आतंकवाद से निपटना हो तब तो यह अनियंत्रित सख्ती को तर्कसंगत कहा जा सकता है, पर जब किसी परिवार में गए हैं वह भी रात के तीन बजे तो इस जबर जुल्म के लिए क्या भारत का कोई भी नेता, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री इसे उचित मान सकते हैं? राजस्थान सरकार सख्ती से कार्यवाही करे और उस मां को भी कोई उत्तर दीजिए जिसका नवजात बच्चा मार दिया।