क्या सरकारें मुआवजा दे सकती हैं? रेल दुर्घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण: लक्ष्मीकांता चावला

senior bjp leader punjab

अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व भाजपा वशिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि पूर्व मंत्री व भाजपा वशिष्ठ नेता हावड़ा-चेन्नई रेल मार्ग में उड़ीसा के बालासोर जिले में जो रेल दुर्घटना हुई, अत्यंत भयानक और दुखद है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 300 के लगभग लोग मारे गए। सरकार ने झटपट मृतकों के लिए दस लाख रुपये और घायलों की स्थिति के अनुसार दो लाख और पचास हजार का मुआवजा घोषित कर दिया।

Advertisements

मेरा सरकारों से यह सवाल है कि क्या मुआवजा ठीक शब्द है? क्या सरकारें मुआवजा दे सकती हैं? वैसे जिसकी जिंदगी गई, उसके परिवार के लिए दस लाख आर्थिक दृष्टि से भी बहुत कम है, पर यह दस बीस लाख क्या बच्चों को पिता, मां बाप को बच्चे, पत्नी को पति और पति को पत्नी आदि दे सकते हैं? इसे मुआवजा शब्द कहना ही गलत है। ये जो लोग दुर्घटना में मारे गए, इन्होंने आत्महत्या नहीं की। यह सरकार की सुरक्षा के भरोसे गाड़ी में चढ़े हैं। एक तो सरकार मुआवजा शब्द बदले और दूसरा इन परिवारों की स्थिति के अनुसार इनके बच्चों के, माता पिता के बुजुर्गों के भरण पोषण की सारी जिम्मेवारी उठाए। भारत का रेल मंत्रालय यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here