होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। एड्स बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग पंजाब द्वारा एड्स जन जागरूकता मुहिम के तहत वैन भेजी गईं हैं। इसी के तहत आज जिला होशियारपुर के अंतर्गत गांवों में जागरुकता लाने के लिए एड्स जागरूकता वैन को कार्यालय सिविल सर्जन होशियारपुर से सिविल सर्जन डॉ. प्रीत महिंदर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डॉ.पवन कुमार, सीनियर मेडिकल अफ़सर जिला अस्पताल डॉ. स्वाति शिमर, जिला एड्स कन्ट्रोल अफ़सर डॉ. शक्ति शर्मा, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर, जिला बी.सी.सी अमनदीप सिंह, आई.सी.टीसी सेंटर के एलटी शमिंदर सिंह, कॉउंसलर सरबजीत सिंह और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
इस बारे में जानकारी साझा करते हुए डॉ. प्रीत महिंदर सिंह ने कहा कि एड्स के बारे में पूरी जानकारी और जागरूकता ही इसका इलाज है। एच आई वी एड्स फैलाने वाले वायरस के बारे में पूरी और सही जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए, क्योंकि इसके ज्ञान से ही एड्स से जान बचाई जा सकती है। एच आई वी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एच.आई.वी वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 साल लग सकते हैं। यह वायरस मानव शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करता है। एचआईवी असुरक्षित यौन संबंध, एक संक्रमित गर्भवती माँ से उसके अजन्मे बच्चे में, संक्रमित रक्त के आधान से और संक्रमित सुई और सीरिंज साझा करने से फैलता है। इससे बचने के लिए व्यक्ति को सुरक्षित सेक्स के तहत कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने साथी के प्रति वफादार रहना चाहिए। बीमारी या दुर्घटना के मामले में जरूरत पड़ने पर संक्रमण रहित रक्त ही दिया जाना चाहिए। हर गर्भवती मां का एच.आई.वी टैस्ट जरूर किया जाना चाहिए। किसी बीमार व्यक्ति को इंजेक्शन लगाते समय केवल स्टेराइल यानी नई सुई और सीरिंज का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इन सावधानियों के साथ मनुष्य एच.आई.वी. और एड्स से मुक्त रह सकते है।
डॉ.शक्ति शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहें सिविल हस्पातलों में ए.आर.टी केंद्रों पर मरीजों को इलाज नि:शुल्क मुहैया कराया जाता है। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता वैन दिए गए शेड्यूल के अनुसार जिला होशियारपुर के विभिन्न गांवों में 13 मार्च तक रोजाना एड्स के प्रति जागरूकता पैदा करेगी और साथ में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा नि:शुल्क जांच भी की जाएगी। इसके अलावा नाटक मंडली द्वारा गांव-गांव में एड्स के प्रति जागरुकता फैलाने और इस बीमारी से बचाव के लिए नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किए जाएंगे।