पंजाब सरकार नशों को बढ़ावा न दे, नियंत्रित करे: लक्ष्मीकांता चावला

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अमृतसर(द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री भगवंत मान को यह पता होगा ही कि पंजाब में दस से 17 वर्ष की आयु के बच्चे भी शराब पी रहे हैं और देश में जितने बच्चे शराब पीते हैं उनका तीन गुणा शराबी बच्चे पंजाब में हैं। बचपन में शराब पीने वाले जवानी में क्या करेंगे जरा अनुमान कीजिए। लड़ाई झगड़े, सड़क दुर्घटनाएं तथा कई प्रकार का अपराध शराबी करता है। इनमें से बहुतों के परिवार भी शराब के कारण उजड़ेंगे। उससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि महिलाएं शराब पीने में अब कदम आगे ही बढ़ा रही हैं। जब सरकार शराब बढ़िया दुकानों पर बेचेगी तो फिर घरों तक शराब आसानी से पहुंचेगी।

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पहले तो अवैध सस्ती शराब के नाम पर गरीब के मोहल्ले नशाग्रस्त हैं, अब मध्यवर्ग और उच्च मध्य वर्ग भी ज्यादा गति से शराबी बनेगा अगर सरकार की यही नीति रहती है तो। मेरी पंजाब सरकार से अपील है कि साधु-संतों, मंदिरों-गुरुद्वारों की मदद लें और स्कूलों-कालेजों में ऐसा अभियान चलाए कि बच्चे नशों की ओर न जाएं। याद रखिए शराब पोस्त, भांग, अफीम से कहीं खतरनाक नशा है। वैसे क्या इस सरकार से यह आशा रखें कि जो विदेशी मेहमान आए हैं उनको पंजाब में शराब नहीं पिलाई होगी। केवल दूध-दही, लस्सी ही दी होगी।

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