राज्य की आम आदमी पार्टी की सरकार दलित विरोधी साबित हुई – वीरपाल ठरोली 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। बेगमपुरा टाइगर फोर्स की एक मीटिंग फोर्स के  मुख्य दफ्तर  भगत नगर, नज़दीक मॉडल टाउन  होशियारपुर में बेगमपुरा टाइगर फोर्स के पंजाब प्रधान वीरपाल ठरोली की प्रधानगी में हुई जिसमें फोर्स के राष्ट्रीय चेयरमैन तरसेम  दीवाना, सीनियर उप-प्रधान नरेश कुमार  बद्धन, दोआबा प्रधान जस्सा नंदन, सीनियर उप-प्रधान दोआबा हरनेक सिंह बद्धन विशेष रुप से उपस्थित हुये। मीटिंग को संबोधित करते हुए फोर्स  के  पंजाब  प्रधान  वीरपाल  ठरोली  व  जिला  प्रधान  हैप्पी  फतेहगढ़ ने कहा कि पंजाब एक ऐसा राज्य है जिसमें दलित भाईचारे की संख्या लगभग 40 प्रतिशत से अधिक है और डा. भीम राव अंबेडकर जी द्वारा लिखित संविधान के अनुसार, एस.सी  भाईचारे के लोगों को न्याय दिलाने के लिए और एस.सी भाईचारे की भलाई हेतु पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है ।

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उन्होने कहा जब भी किसी एस.सी. वर्ग से संबंधित व्यक्ति के साथ कोई ज्यादती या धक्केशाही होती है और प्रशासन  द्वारा अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई जाती है, तभी एस.सी. आयोग एस.सी  समाज  को न्याय दिलावाने के लिए कार्य करता है। उन्होंने  कहा  कि  राज्य की मान सरकार द्वारा विधानसभा सत्र के अंतिम  दिन पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के संबंध में   बिल लाने के बिरुद्ध एस.सी, एस.टी वर्गों में बहुत रोष पाया जा रहा है तथा विभिन्न एस.सी. संगठनों द्वारा इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है ।

उन्होंने  कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर  जी के संविधान के अनुसार आयोग में एक चेयरमैन और 10 सदस्यों की नियुक्ति की जाती है तथा उनका कार्यकाल 6 साल का होता है परन्तु पंजाब की दलित विरोधी मान सरकार द्वारा आयोग के सदस्यों की संख्या घटाकर  आधी कर दी है और 6 साल के कार्यकाल को भी आधा कर दिया है, जो कि एस.सी  वर्ग के साथ शरेआम एक धक्का है। उन्होंने  कहा  कि  मान  सरकार  से  परेशान  एस.सी  वर्ग  के  लोग अब न्याय से वंचित रह जाएंगे।  उन्होंने  कहा कि  जिस गति  से  एस.सी  वर्ग पर अत्याचार हो रहे हैं उसे देखते हुए मान सरकार को एस.सी आयोग की संख्या कम   नहीं करनी चाहिए थी बल्कि बढ़ानी चाहिए  थी। बेगमपुरा टाइगर  फोर्स के  नेताओं  ने कहा  कि  मान  सरकार का मतलब सिर्फ और सिर्फ एस.सी समाज  को  कमजोर करना है।

उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एस.सी  आयोग के संशोधन बिल पर तत्काल पुनर्विचार किया जाए और आयोग  के सदस्यों  की  संख्या 10 से बढ़ाकर  कम से कम 12 की जाए तथा इसके कार्यकाल को 6 वर्ष से बढ़ाकर कम   से  कम  10 वर्ष किया जाये। इस अवसर पर औरों के अतिरिक्त  सीनियर उप-प्रधान    दोआबा  नरेश  कुमार बद्धन , मीडिया  इंचार्ज  चंद्र  कुमार  हैप्पी , अमनदीप, चरनजीत  सिंह, कमलजीत, राम  जी, दविंदर  कुमार, पवन  कुमार  बद्धन , राजीव  सैनी, पम्मा  डाडा, गोगा  मांझी , पवन  कुमार  बद्धन , अमनदीप  सिंह, चरनजीत  सिंह, भूपिंदर  कुमार  बद्धन,  कमलजीत  सिंह, बिशनपाल,  ज्ञान  चंद, मुसाफिर  सिंह, शेरा  सिंह, विशाल  सिंह, हरनेक  सिंह  बद्धन, सनी सीना, सुशांत  मम्मन, बिक्रम  विज, हैप्पी  फतेहगढ़, मनीष  कुमार, दविंदर  कुमार, राकेश  कुमार  भट्टी  विजय  कुमार  जलोवाल  खनूर, भूपिंदर  कुमार  भिंदा, दोआबा  इंचार्ज  जस्सा  नंदन , नरेश  कुमार  शहरी प्रधान, गुरप्रीत  गोपा शहरी उप-प्रधान, बाली फतेहगढ़ , रवि आदि उपस्थित  थे।   

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