अमृतसर(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि पंजाब सरकार जनता पर रहम करे और जिस तेज गति से महंगाई बढ़ रही है उसे रोके। क्या सरकार जानती है कि आज दूध, दही का भाव आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर हो गया है। क्या सरकार जानती है कि इसी एक सप्ताह में दालों की कीमत आसमान को छूने लगी है। अगर हरेक दाल दस रुपये किलो महंगी हो जाए तो गरीब आदमी गुजारा कैसे करेगा। फल और सूखे मेवे तो आम आदमी को चाहिए नहीं, उन्हें तो सब्जी, दाल, रोटी चाहिए। क्या पंजाब सरकार यह जानती है कि छह आठ हजार रुपया महीना कमाने वाले कैसे बच्चों को दूध दे सकेंगे और अगर कमजोर बीमार बच्चे रह गए तो जिस रंगले पंजाब की बात दिन रात मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री का प्रचार तंत्र कर रहा है, टीवी विज्ञापनों में बोल रहे हैं, कमजोर और बीमार लोगों का पंजाब कैसे रंगला बनेगा? बहुत अच्छा हो कुछ दिन गरीब की हालत गरीब के नजदीक जाकर देखें और अगर भगवंत मान ने जनता का दुख दर्द जानना है तो हर जिले में महीने में एक दिन तो लोगों के बीच में बैठें या कारण बताएं कि आखिर किस कारण अनाज भी महंगा हो रहा है, दूध दही महंगा है।
रही सही कसर केंद्र सरकार ने पूरी कर दी, सैकड़ों दवाओं की कीमत ही बढ़ा दी। पंजाब की जनता जानना चाहती है कि क्या बस में मुफ्त यात्रा करवाकर ही जनता की सारी जरूरतें पूरी हो जाएगीं और जो बच्चे दूध, दही, पौष्टिक भोजन से वंचित होंगे वे शरीर से कमजोर बच्चे अच्छी शिक्षा कैसे पा सकेंगे? पंजाब के हित में भगवंत मान आम आदमी के बीच बैठें। उनकी कठिनाइयां सुनें और महंगाई को कंट्रोल करें। तीस रुपये किलो आटा, लगभग साठ रुपये किलो दूध और अब महंगी दालें, ये जनता पर अत्याचार क्यों? उत्तर देना होगा पंजाब सरकार को।