सत्ता के नशे में चूर-पंजाब को नशा मुक्त करने का वायदा भूली आप: जयवीर शेरगिल

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। भगवंत मान और आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब से नशे का अभिशाप खत्म करने संबन्धी किए बड़े-बड़े दावों के बावजूद यह समस्या अभी भी मौजूद है। वास्तव में यह और भी गंभीर रूप धारण कर चुकी है, जो इससे निपटने में सरकार के गैर जिमेदार रवैये को दर्शाती है।भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने पंजाब के मुयमंत्री भगवंत मान द्वारा चुनाव से पहले उनकी सरकार आने पर 3 महीने के भीतर नशा खत्म कर देने संबन्धी किए दावों पर फटकार लगाते हुए, कहा कि पिछले एक साल में मुयमंत्री इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रहे हैं, जिस पर उन्हे शर्म महसूस करनी चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए, सवाल किया कि क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम, वो इरादा?

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यहां जारी एक जोरदार बयान में, शेरगिल ने कहा कि मीडिया के अलग-अलग वर्गों में आई खबरों के मुताबिक भगवंत मान नेतृत्व वाली सरकार के पहले 10 महीनों में नशे की ओवरडोज के चलते लगभग 200 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात इतने गंभीर हैं कि रेगुलर तौर पर राज्य के अलग-अलग जिलों से नशे की ओवरडोज से होने वाली मौतों की खबरें आ रही हैं। इस साल जनवरी में जालंधर में एक नशा विरोधी कार्यकर्ता लंबड़दार राम गोपाल की हत्या की दुखद घटना का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि इस घटना से साफ तौर पर पता चलता है कि नशा तस्करों में पुलिस का कोई डर नहीं है।

जयवीर ने कहा कि मान सहित आप के अन्य नेता नशा तस्करी में शामिल बड़ी मछलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करने पर पिछली सरकारों के खिलाफ बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। वह मुयमंत्री साहिब से सवाल करना चाहते हैं कि बीते 1 साल के दौरान आप सरकार ने कितनी बड़ी मछलियों को काबू किया है।

भाजपा प्रवक्ता ने दिल्ली के मुयमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधे तौर पर हमला बोलते हुए कहा कि वह केजरीवाल को न्यूज़ चैनलों के समक्ष दिए गए उनके बयान की याद दिलाना चाहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरकार मिली ना हुई हो नशे वालों के साथ, तो सरकार 3-4 महीनों के अंदर नशे के ऊपर ठोस कार्रवाई कर सकती है। केजरीवाल के शब्दों के मुताबिक यह सोचने वाली बात है कि पंजाब में आप सरकार को सत्ता में आए 1 साल बीत चुका है, परंतु नशे की समस्या और गंभीर हो चुकी है, जो पंजाब के लोगों व खासकर युवाओं को तबाह कर रही है।

भाजपा नेता ने जिक्र किया कि किस प्रकार दिसंबर 2022 के पहले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में युवाओं के मध्य नशाखोरी की समस्या गंभीर रूप धारण करने को लेकर पंजाब सरकार की खिंचाई की थी। शेरगिल ने कहा कि हाल ही में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने राज्य के सीमावर्ती गांवों के दो दिवसीय दौरे के दौरान कहा था कि यह सिर्फ युवाओं का सवाल नहीं है, बल्कि नशे स्कूलों में घुस चुके हैं और बच्चे इसके शिकार बन रहे हैं। राज्यपाल ने यहां तक जिक्र किया था कि वह जिस गांव में गए लोग कह रहे थे कि नशे जनरल स्टोर में करियाने के समान की तरह मिल रहे हैं।

शेरगिल ने मांग की कि आप को पंजाब से नशाखोरी के खात्मे हेतु उठाए गए कदमों को लेकर श्वेत पत्र लाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता ने मान को गंभीर समस्या से निपटने के नाम पर सिर्फ लीपापोती से बाहर निकलने की सलाह देते हुए कहा कि पंजाब से नशे के अभिशाप को खत्म करने और इसका सबसे अधिक शिकार बन रहे, युवाओं को बचाने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिएं, राज्य के इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करना चाहिए, नशे की सप्लाई चैन को पूरी तरह से खत्म करना चाहिए और इसके अलावा, नशा छुआओ मुहिम को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए, मोटिवेशनल सेमिनार आयोजित करने चाहिएं व यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पुनर्वास केंद्र सही तरीके से काम करें।

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