होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री बांके बिहारी ज्योतिष कर्मकांड शिव मंदिर विकास समिति भूतगिरी मंदिर ऊना रोड एवं समूह इलाका निवासियों की तरफ से भव्य श्री हनुमंत कथा एवं विशाल यज्ञ मैं पांचवें दिन की कथा मैं आचार्य श्री सुशील जी महाराज जी ने बताया कि श्री
हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले किसी भी प्रकार के संकट को तुरंत हर लेते हैं, इसी कारण श्री हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो श्री हनुमान जी स्वयं भगवान श्री राम के अनन्य भक्त हैं और सदैव उनके नाम का स्मरण करते रहते हैं, लेकिन एक बार भगवान श्री राम के भी संकट में पड़ जाने पर हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार लेकर उन्हे भी संकट से उबारा था महाराज जी ने बताया कि
रामायण के प्रसंग के अनुरूप, लंका युद्ध के समय जब रावण के भाई अहिरावण ने अपनी मायवी शक्ति से स्वयं भगवान श्री राम और लक्ष्मण को मूर्क्षित कर पाताल लोक लेकर चला गया था। जहां अहिरावण ने पांच दिशाओं में पांच दिए जला रखे थे। उसे वरदान था कि जब तक कोई इन पांचों दीपक को एक साथ नहीं बुझएगा, अहिरावण का वध नहीं होगा। अहिरावण की इसी माया को सामाप्त करने के लिए हनुमान जी ने पांच दिशाओं में मुख किए पंचमुखी हनुमान का अवतार लिया और पांचों दीपक को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध किया। इसके फलस्वरूप भगवान राम और लक्ष्मण उसके बंधन से मुक्त हुए महाराज जी ने बताया कि
पंचमुखी हनुमान जी के पांचों मुख पांच अलग-अलग दिशाओं में हैं एवं इनके अलग-अलग महत्व हैं वानर मुख: यह मुख पूर्व दिशा में है तथा दुश्मनों पर विजय प्रदान करता है गरुड़ मुख: यह मुख पश्चिम दिशा में है तथा जीवन की रुकावटों और परेशानियों का नाशक हैवराह मुख: यह मुख उत्तर दिशा में है तथा लंबी उम्र, प्रसिद्धि और शक्ति दायक है नृसिंह मुख: यह दक्षिण दिशा में है, यह डर, तनाव व मुश्किलें दूर करता है।
अश्व मुख: यह मुख आकाश की दिशा में है एवं मनोकामनाएं पूरी करता है। इस अवसर पर मुख्य जजमान बनवारी लाल काबरा के अलावा अन्य धार्मिक सामाजिक व राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा हजारों की संख्या में भक्तों ने कथा का अमृत पान कर भगवान का प्रसाद रूपी लंगर भी ग्रहण किया