डेंगू को हराने के लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत: डॉ. डमाणा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर “डेंगू को हराने के लिए सांझेदारी अपनाओ” विषय पर सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा जी के निर्देशानुसार जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल पिपलांवाला में आयोजित किया गया। प्रिंसिपल हरजिंदर कौर की अध्यक्षता में करवाए गए इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा जी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विद्यार्थियों को डेंगू से बचाव और इसकी होंद को खत्म करने के बारे में जानकारी का खजाना साझा किया।

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जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा  जी ने कहा कि मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकना और उन्हें काटने से रोकना जरूरी है। इसलिए जरूरी है कि मच्छर पैदा करने वाली परिस्थितियों को खत्म किया जाए। लोगों को इसके फैलने के कारणों, बचाव के उपायों, इसके लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू एक प्रकार का तेज बुखार है, जो मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है और सुबह, शाम और रात को काटता है। मच्छर साफ और खड़े पानी के स्रोतों में पैदा होते हैं। जैसे कूलर, बर्तन और फ्रिज की ट्रे, बाहर पड़े टायर और टूटे बर्तनों आदि में पानी खड़ा रहने से। इसलिए जरूरी है कि खुद को मच्छरों से बचाएं। इसके लिए आपको अपने कूलर, बर्तन, पक्षियों के लिए पानी के बर्तन और फ्रिज की ट्रे को हफ्ते में एक बार जरूर साफ करना चाहिए। पुराने टायरों और टूटे बर्तनों को यार्ड और छतों पर खड़ा नहीं होने देना चाहिए।

डॉ. जगदीप सिंह ने कहा कि मच्छरों से बचाव के लिए अपने आसपास की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसलिए ऐसे कपड़े पहनें कि शरीर को पूरी तरह से ढका जा सके। घरों और दफ्तरों में मच्छर भगाने वाली क्रीम, तेल आदि का इस्तेमाल करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू के लक्षणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यदि किसी को तेज सिरदर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द, मतली और उल्टी, थकान महसूस हो और चमड़ी पर दाने होने या नाक, मुंह और मसूढ़ों से खून आने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर खून की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें, खुद से कोई दवा न लें।

एमपीएचएस श्री बसंत कुमार ने भी डेंगू से बचाव के बारे में बताया और बताया कि बुखार होने पर केवल पारासिटामोल का ही प्रयोग करें और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपने खून की जांच कराएं। बुखार में एस्पिरिन या ब्रुफन का उपयोग नहीं करना चाहिए। जिला अस्पतालों में डेंगू बुखार परीक्षण और सहायक उपचार निःशुल्क प्रदान किया जाता है।

इस दौरान विद्यार्थियों के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी कराई गई जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय व भाग लेने वाले विद्यार्थियों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर ने किया। अंत में प्रिंसिपल हरजिंदर कौर ने सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम का धन्यवाद किया और विद्यार्थियों द्वारा इस जानकारी को आगे भी साझा करने का आश्वासन दिया। इस दौरान डिप्टी मास मीडिया अधिकारी तृप्ता देवी, एएमओ गोपाल सरूप, मल्टी परपज़ स्वास्थ्य सुपरवाइजर तरसेम लाल, जसविंदर सिंह, संजीव ठाकुर, विशाल पुरी, जिला बीसीसी काॅआरडीनेटर अमनदीप सिंह, मलेरिया स्टाफ व स्कूल के अध्यापकों ने भाग लिया।

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