अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व वशिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि पंजाब सरकार यह घोषणा कर रही है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उुंचा किया जा रहा है और अध्यापकों की कोई कमी स्कूलों में नहीं रहेगी। सरकार की यह घोषणा भी जनहित में है कि अध्यापक केवल स्कूलों में अध्यापन कार्य ही करेंगे और बच्चों के साथ रहेंगे।
उन्हें किसी और सरकारी काम के लिए नहीं भेजा जाएगा, पर पंजाब सरकार से मेरा यह सवाल है कि जो बच्चे हिंदी माध्यम में शिक्षा लेना चाहते हैं उन्हें सरकारी स्कूलों से क्यों वंचित रखा जाता है? अंग्रेजी की शिक्षा और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने की तो पंजाब सरकार आज्ञा देती है, पर हिंदी माध्यम में शिक्षा लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को सरकारी स्कूलों में कोई स्थान नहीं मिलता। अगर सरकार चाहती है कि सभी गरीब बच्चे, मजदूरों के बच्चे और प्रवासी बच्चे सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा पा सकें तो उन्हें हिंदी माध्यम पर लगाया प्रतिबंध बंद करना चाहिए और सभी गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने की पूरी सुविधा देनी चाहिए।