हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़) रजनीश शर्मा । सरक एनएच 03 निर्माण कंपनी ने एक साल पहले मकान तोड़ दिया। एक माह पहले डंगा लगाने के लिए टूटे मकान के साथ खाई खोद दी और टेंशन में व्यक्ति की नौकरी चली गई। एनएच निर्माण कंपनी अब डंगा लगाने में मनमानी कर रही है जबकि लगातार बारिश से कमरों मे सीलन आ गई है। यह व्यथा है हमीरपुर जिला की बराड़ा ग्राम पंचायत के सपनेहड़ा गांव की विधवा सिमरो देवी के परिवार की। घर में सौ साल की बुजुर्ग खलेलू देव8 के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती है। घर में कमाने वाला केवल सुधीर भी अब बेरोजगार है क्योंकि टूटे घर की चिंता ने उसे घर बिठा दिया है। यह दास्तान केवल सिमरो देवी के परिवार की ही नहीं बल्कि कोट से लेकर अवाहदेवी तक इन दिक्कतों से जूझ रहे दर्जनों परिवार मिल जायेंगे।
पीड़ित सुधीर और उसकी माता सिमरो देवी ने बताया कि कंपनी के ठेकेदार और कर्मचारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एनएच निर्माण कंपनी के लोग उन्हें जुबान बंद रखने की धमकियां देते हैं। वे स्वयं गरीब और मजबूर हैं ,इसलिए उन्हें डराया जा रहा है। कंपनी अपनी मनमर्जी से काम कर रही है। सिमरो के अनुसार जहां तुरंत डंगा लगाया जाना चाहिए वहां जानबूझ कर काम लटकाया जा रहा है।
सुधीर का कहना है कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। हमारे नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं। एनएच से विकास कम विनाश ज्यादा हो रहा है। सिमरो देवी ने बताया कि रसूखदारों को बचाया जा रहा है और गरीबों का नाश इस विकास में हो रहा है। उन्होंने प्रशासन और एनएचएआई को तुरंत हस्तक्षेप कर कंपनी को सही ढंग से काम करने और जंसाद दिलाने की मांग की है। इस बारे एनएचएआई के साइट इंजीनियर सुशील कुमार का कहना है कि मामला आज ही उनके ध्यान में आया है। वह मौके पर जाकर वास्तविकता जान समस्या का हल निकालेंगे।