बर्फीले तेंदुओं को बचाने का संदेश देने में सफल हुए लेपर्ड एक्सपीडिशन: ईशान भागरा 

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़):  लेपर्ड एक्सीपीडिशन अपनी 10 दिनों की जंसकार-लेह ड्राइव सम्पन कर शहर में पहुंचे। हिम तेंदूओं (बर्फीले तेंदुए) के जीवन की रक्षा के संदेश के साथ पहाड़ी इलाकों में साहसिक ड्राइविंग के शौकीनों के लिए एक इस रोमांचक सेल्फ-ड्राइव अभियान की अगुवाई टीम प्रभारी इशान भागरा एवं सुधीर कुमार, निखिल वर्मा और सिद्धार्थ जिल्था द्वारा की गई, जिसमें राजस्थान, पंजाब, गुजरात, हरियाणा व चंडीगढ़ के कार राइडर्स शामिल थे।

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टीम प्रभारी इशान भागरा ने बताया कि इंडियन ऑयल, मैक्रॉयस एक्सीपीडिशन व योकोहामा के सहयोग संपन्न हुई जंसकार-लेह ड्राइव पूरी तरह से पहाड़ी इलाकों में साहसिक ड्राइविंग के शौकीनों के लिए एक रोमांचक सेल्फ-ड्राइव बनी तथा सभी ने टीम वर्क के साथ पहाड़ों में जुनूनी ड्राइविंग और साहसिक भावना का प्रदर्शन दिखाया। ईशान ने बताया कि उनके द्वारा जंसकार-लेह सर्किट 2.0 संस्करण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उन्होंने ने बताया कि बीती 23 मई को शुरू हुई यह ड्राइव चंडीगढ़ से मनाली, गोम्बो, पदुम, लेह, नूबरा, तुरतुक, पेंगोंग से वापिस कुल्लू से चंडीगढ़ पहुंची।  

उन्होंने बताया कि यह ड्राइव चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि पदुम में उनके कुछ साथियों को ऑक्सीजन स्तर में कुछ गिरावट का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी इस अभियान को पूरा करने का उनका जज्बा था। भारत के आखिरी उत्तरी गांव थांग तक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां से भारत-पाकिस्तान सीमा शुरू होती थी और हम वहां से पाकिस्तान को आसानी से देख सकते हैं।

इसके अलावा हम पैंगोंग में रहते हुए भारत-चीन सीमा से कुछ किलोमीटर दूर पहुंचने में भी कामयाब रहे। वहीं फाउंडर मैंबर निखिल वर्मा ने बताया कि ऐसा इलाका जिस पर पैदल चलना मुश्किल था वहां से गाड़ियों का काफिला ऐसे इलाके से निकालने के दौरान हमें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हम इसमें अच्छे से करने में कामयाब रहे। ईशान ने बताया कि हिम तेंदूओं (बर्फीले तेंदुए) के जीवन की रक्षा के लिए भविष्य में लेपर्ड एक्सीपीडिशन अग्रसर रहेगा तथा लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे।

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