होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़): सेहत विभाग तथा सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार के निर्देशानुसार जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग ने समूह स्वास्थ्यसंस्थान में तीव्र दस्त नियंत्रण पखवाड़े (आईडीसीएफ) के दौरान होने वाली गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए पीएचसी भूंगा का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान में स्थापित ओआरएस कॉर्नर पर बातचीत करते हुए कहा कि 4 से 17 जुलाई तक तीव्र दस्त रोकथाम पखवाड़ा मनाया जा रहा है।जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें आम लोगों को ओआरएस उपलब्ध कराती हैं।
उनके द्वारा समाधान, जिंक का उपयोग, मां के दूध का महत्व, हाथ धोने की उचित विधि और स्वच्छ खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता देने का मार्गदर्शन दिया जा रहा है। डा सीमा ने कहा कि गर्मी और बरसात के मौसम में बच्चों में डायरिया के कारण बहुत कमजोर होने की शिकायत होना आम बात है।लेकिन अगर समय रहते डायरिया पर काबू नहीं पाया गया तो बच्चे की मौत भी हो सकती है। डायरिया से बचाव का सबसे आसान उपाय है ओआरएस घोल एवं जिंक टेबलेट का संयोजन, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है।
बच्चों में दस्त के कारण होने वाले पानी की कमी की भरपाई करता है और जिंक दस्त को कम करता है और बच्चा जल्दी ठीक हो जाता है। पूरे 14 दिनों तक दी जाने वाली जिंक की गोलियाँ अगले तीन महीनों तक दस्त और निमोनिया दोनों से सुरक्षा प्रदान करती हैं और टॉनिक के रूप में कार्य करती हैं।
इससे बच्चे की भूख और स्वास्थ्य बेहतर होगा। इसके साथ ही साफ-सफाई का भी ध्यान रखना जरूरी है। बच्चे और अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। वहां उपस्थित एएनएम ओ.आर.एस. का घोल बनाने की जानकारी देते हुए कहा कि एक लीटर स्वच्छ पेयजल यानी उबालकर ठंडा किया हुआ पानी में ओआरएस का एक पैकेट पाउडर डालें, पाउडर को अच्छी तरह मिलाएँ। दस्त बंद होने तक प्रत्येक दस्त के बाद बच्चे को एक चम्मच या कप घोल पिलाएं। बच्चे को दस्त के दौरान ओ.आर.एस. तथा जिंक के अलावा मां का दूध पिलाते रहना चाहिए और हल्का आहार भी देते रहना चाहिए।