आखिर जनता राजनीतिक नेताओं पर विश्वास क्यों करे? लक्ष्मीकांता चावला

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अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व वशिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि इन दिनों पूरे देश में दल बदलने वालों की स्वार्थ की राजनीति को देखकर हिंदुस्तान की जनता परेशान है। किसी का पता ही नहीं चलता कि कब कौन किस पार्टी में चला गयाव। सच्चाई तो यह है कि जहां से सत्ता की मलाई खाने को मिलने की संभावना होती है उसी पार्टी में नेता लोग भागते हैं। पंजाब, महाराष्ट्र और दूसरे कई प्रांतों में जिस प्रकार दल बदल हो रहे हैं उससे सवाल यह पैदा होता है कि जनता क्या करे, किसको वोट दे। इन नेताओं पर विश्वास कोई कैसे करें, क्यों करे?

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हैरानगी की बात यह है कि जैसे ही किसी राज्य में चुनाव होते हैं बहुत सी पार्टियां अपने अपने विधायकों को खरीद बेच से बचाने के लिए बसों में में बंद करके या हवाई जहाजों में उड़ाकर दूसरे राज्यों के पांच तारा होटलों के ठंडे कमरों में बंंद कर देते हैं। जिन लोगों पर पार्टी के नेताओं को ही विश्वास नहीं उन पर बेचारी जनता भरोसा करके फिर पश्चाताप करती है। एक दिन जिस नेता के लिए जिंदाबाद करते हैं उस पर फूलों की वर्षा करते हैं। उसकी विजय पर लड्डू बांटते और नाचते हैं। कुछ समय बाद यह समाचार मिल जाता है कि नेता जी उसी पार्टी का दामन पकड़ गए जिस पार्टी के विरुद्ध नेता और कार्यकर्ता काम करते रहे।

दल बदल कानून की धज्जियां इस देश में उड़ रही हैं और अफसोस तो यह है कि नगर निगम और नगरपालिका के सदस्यों पर आज तक दल बदल कानून लागू ही नहीं किया। इस देश के जो नेता बार—बार दल बदलते हैं उन्हें भी फूल मालाएं और जिंदाबाद कहने वाले मिल जाते हैं। जनता किस मजबूरी में यह सब करती है या करने को विवश है यह एक बहुत बड़ा सवाल है और लोकतंत्र पर कलंक है। भारत की जनता एक फैसला कर ले कि स्वार्थ और सत्ता के लिए दल बदलने वालों को पूरी तरह नकार दे, उनकी जमानत भी न बचे, यह जनता ही निश्चित कर सकती है।

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