विभाजन की विभीषिका के प्रसंग आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं: तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हम आजादी का अमृत काल मना रहे हैं 14 अगस्त 1947 को भारत के दो टुकड़े किये गए थे तथा पाकिस्तान का जन्म हुआ था अगले दिन 15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद देश घोषित किया गया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री वह वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद  के कार्यालय से जारी प्रेस नोट में 1947 के प्रसंग  को उजागर करते हुए कहा गया है कि यह विभीषिका इतनी  हृदय बिदारक थी कि उसके  प्रसंग सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन दुनिया के इतिहास पर एक स्याह पन्ने के तौर पर जाना जाएगा क्योंकि राजनीतिक तुष्टिकरण की भेंट करोड़ों कीमती जानों की बलि चढ़ी थी।

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इतिहास के तथ्यों के अनुसार पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सत्ता हथियाने की जल्दी में तथा प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित होने के लिए देश के विभाजन को स्वीकार किया और जो महात्मा गांधी यह कह रहे थे कि देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा उनसे भी बलात स्वीकृति ले ली थी। विभाजन के बाद जब रोजाना लाखों की गिनती में कत्ल किए गए हिंदूयों की लाशों को ट्रेनों में भरकर पंजाब पहुंचती  थी तो सभी भारतवासियों का खून खोलता था।

उन्होंने कहा कि आज तक इतना बड़ा नरसंहार दुनिया भर में आजादी के समय कभी नहीं हुआ। पर इसलिए इसे एक कलंक के तौर पर याद  करके आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाता रहेगा। इस मौके पर भाजपा नेता  विजय पठानिया, कमलजीत सेतिया,अश्वनी गैंद, यशपाल शर्मा, राज कुमार, शरद सूद, क़ुर्बान भी उपस्थित थे।।

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