बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 4 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया: जिलाधीश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश कोमल मित्तल ने बताया कि जिले में बाढ़ संबंधी हालात दिन-ब दिन सुधर रहे हैं और जिला प्रशासन लोगों तक हर जरुरी मदद पहुंचा रहा है। वे आज मुकेरियां के गांव नवां घर, नवी पत्ती, बेला सरियाना, चक्क मीरपुर, उलाहा का दौरा करने के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पौंग डैम का जल स्तर बढऩे के कारण पौंग डैम की ओर से लगातार पानी छोड़ा जा रहा था। उन्होंने बताया कि 14 व 15 अगस्त को पानी छोडऩे की मात्रा काफी ज्यादा थी, जो कि धीरे-धीरे अब काफी कम हो गई है।

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उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण जिला होशियारपुर में 19 गांव मुकेरियां उपमंडल के और 5 गांव टांडा उपमंडल के प्रभावित हुए थे, इन गांवों की करीब 7 हजार के करीब आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी, इनमें से 4 हजार से अधिक लोगों को प्रशासन की ओर से घर से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब चूंकि पानी का स्तर नीचे चला गया है, इस लिए लोग अपने घरों की ओर वापिस जा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिला प्रशासन की टीमें व रैडक्रास लोगों को हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमारी टीमों की ओर से बीते कल भी गांवों में राहत कैंप लगाए गए थे, जहां पर लोगों से बाढ़ में हुए उनके नुकसान संबंधी शिकायत व उनकी जरुरतों के संबंधी जानकारी हासिल की गई। फिलहाल हमारा फोकस लोगों के स्वास्थ्य की ओर से है। इसके अलावा पशु पालन विभाग की ओर से जानवरों के स्वास्थ्य के अलावा चारे की ओर से ध्यान दिया जा रहा है। जिन स्थानों पर बिजली प्रभावित हुई थी वहां पर बिजली बहाली शुरु हो गई है। इसके अलावा पीने वाला पानी की सप्लाई भी सभी स्थानों पर सुचारु रुप से शुरु कर दी जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने कहा कि बाढ़ के कारण लोगों के हुए नुकसान संबंधी पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार पीडि़तों को नियमानुसार जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फसल, लोगों के मकान, कपड़े, बर्तन, पशुओं के अलावा जो नुकसान हुआ है, उस नुकसान की नियमानुसार भरपाई करते हुए पीडि़तों के खाते में मुआवजा राशी ट्रांसफर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंधी बीते दिनों मुकेरियां के बाढ़ पीडि़त गांवों हलेड़ जर्नादन, सनियाल, बेला सरियाना व टांडा के गांव अब्दुल्लापुर में बाढ़ राहत कैंप लगाए गए। उन्होंने बताया कि इन कैंपों में सभी संबंधित विभागों जिनमें राजस्व, पुलिस प्रशासन, कृषि, पशु पालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे और सभी ने लोगों से शिकायतें प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि लोगों से शिकायतें प्राप्त कर टीमें शिकायत के आधार पर मौका देखकर हुए नुकसान का आकलन करेगी और नियमानुसार पीडि़तों को मुआवजा दिया जाएगा।

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