बिहार में मोदी पटाखा ठुस, आसमान चढ़ी नितिश की आतिशबाजी

grfग्राफ कुछ समय पहले नैट से लिया गया है।

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-जे.डी.यू.+आर.जे.डी./कांग्रेस 161 से, भाजपा 74 पर और अन्य 8 पर आगे
बिहार। बिहार में जिस तरह से मोदी फैक्टर की जगह पर नितिश फैक्टर पूरी तरह से कारगर साबित हुआ, उससे लगता है कि मोदी सरकार के लिए आना वाला समय कितना अनुकूल होगा। बिहार चुनाव में जहां मोदी नाम का पटाखा ठुस साबित हुआ वहीं नितिश की आतिशबाजी से पूरा आसमान रोशन हो उठा। अब भले ही भाजपा नेता और कार्यकर्ता इसके लिए अपने ही नेताओं को बुराभला कहें, मगर सच्चाई यह है कि कहीं न कहीं भाषणबाजी से ऊपर उठकर जमीनी स्तर पर कार्य करने की जरुरत है। मतगणना के परिणाम आने से ही साफ हो गया था कि बिहार में मोदी फैक्टर पूरी तरह से विफल रहा और अमित शाह के सिपासलाहकार भी कामयाब नहीं हो पाए। बिहार में जे.डी.यू.+आर.जे.डी. व कांग्रेस 161 पर विजयी रहे और भाजपा 74 पर ही सिमट गई। बिहार परिणाम आने के बाद भाजपा नेता और कार्यकर्ता एक दूसरे को कोसने लगे हैं और इसकी ताजा उदाहरण सोशल मीडिया पर खूब देखी जा रही है। कोई इसके लिए शत्रुघ्न सिन्हा को आरोपी ठहरा रहा है तो कोई किसी और को। जबकि पार्टी में कमियां कहां रही इसके बारे में सभी जानते हैं। ऐसा नहीं है कि मोदी की दूरगामी सोच के चलते और उनके द्वारा भारत वासियों को दिखाए गए उज्ज्वल भारत के सपनों के चलते ही जनता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाया। मगर एक साल में मोदी सरकार की जो कमियां सामने आई हैं उसे लेकर लोगों में रोष की भावना भी है। भले ही वे खुलकर सडक़ों पर नहीं उतर रहे, पर लोकतंत्र में हासिल हुई वोट की शक्ति से वे अपना गुस्सा जाहिर करने लगे हैं। हालांकि लालू प्रसाद एक बड़ी पार्टी के रुप में यहां सामने आए हैं, पर नितिश फैक्टर पूरी तरह से काम कर गया। बिहार के परिणाम आने से पंजाब में सत्ताधारी अकाली-भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के मन में एक डर घर करना जायज सी बात है कि जिस प्रकार के हालात पंजाब के हैं उससे आने वाले समय इन सत्ताधारियों के लिए कोई बेहतर नहीं कहा जा सकता। भले ही अंतिम साल में अकाली-भाजपा जनता के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हो जाएं, पर लोगों के मन में जो गुस्सा भरा हुआ है उसे देख लगता नहीं कि लोग इनके जाल में फंसने वाले हैं। कांग्रेस की हालात भी यहां किसी से छिपी नहीं है। इसलिए सभी दलों को डर बना हुआ है कि जिस प्रकार दिल्ली में आप ने जनता के दिलों पर राज किया, कहीं उसी डर्रे पर पंजाब का राजनीतिक ग्राफ भी न लुडक़ जाए। मगर फिलहाल सभी के नजरें बिहार पर लगी हुई थी और बिहार के चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को जमीनी स्तर पर कुछ फैसले लेने की जरुरत पड़ सकती है ताकि आने वाले समय में अन्य राज्यों के चुनावों में पार्टी को ऐसी हार का सामना न करना पड़े। राजनीतिक माहिरों का मानना है कि मोदी, शाह और अन्य बड़े नेताओं को पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, साथ ही जिन प्रदेशों में इनकी सरकार या सरकार में भागीदारी है वहां पर जनता की समस्याओं के समाधान और महंगाई पर काबू करके भाजपा अपने हाथ से खिसकते राज को बचाने में कामयाब हो सकती है।

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