एयरपोर्ट गया जालंधर की झोली में और एक बार फिर होशियारपुर के हाथ रहे खाली: हरीश आनंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन के अंदर बनाए गए एयरपोर्ट को लेकर भले ही होशियारपुर निवासियों को कई ख्वाब दिखाये गए हों, मगर उद्घाटनी समारोह में जो हुआ और जो लोग वहां दिखे उनमें होशियारपुर निवासी ढूंढने से भी नहीं मिल रहे थे और जो गए भी उनको अंदर दाखिल तक नहीं होने दिया गया। चाहे वो वर्तमान विधायक हो या फिर आम आदमी। वहां पर अधिकारिक अमला जालंधर का, नेतागण जालंधर के और होशियारपुर निवासी सोच रहे हैं कि यह उनका एयरपोर्ट है। बड़े शर्म की बात है कि जिस शहर व जिले के लोगों ने विजय सांपला को विजयी बनाकर केन्द्र में भेजा और केन्द्रीय मंत्री बनने के काबिल बनाया उन लोगों के हाथ खाली ही रहे।

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क्योंकि पिछले चार साल में सांपला होशियारपुर में कोई बड़ा क्या कोई छोटा प्रोजैक्ट तक लाने में भी नाकामयाब ही रहे। जिसके चलते होशियारपुर निवासी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उक्त बात जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हरीश आनंद ने आज यहां जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि जहां तक एयरपोर्ट की बात है वह जालंधर जिले का ही भाग होगा, भले ही वह होशियारपुर के साथ लगता हो। कितनी अजीब बात है कि एम.पी. होशियारपुर का और एयरपोर्ट जालंधर की झोली में गया। दुख की बात है कि एयरपोर्ट के मानचित्र में होशियारपुर का नाम कहीं भी नहीं लिया जाएगा। मगर मंत्री जी के कुछ चहेते होशियारपुरियों को गुमराह करके इसे होशियारपुर के लिए वरदान साबित करने में लगे हैं।

हरीश आनंद ने कहा कि होशियारपुर निवासी उनके साथ किए गए इस धोखे का प्रतिशोध लेने का मन बना चुके हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में सांपला या इनके स्थान पर भाजपा का जो भी उम्मीदवार होगा उसे मुंह की खानी पड़ेगी। हरीश आनंद ने कहा कि होशियारपुर से जुड़े कुछ भाजपाई यहां पर लड्डू बांटकर खुशी व्यक्त कर रहे हैं, परन्तु इनसे कोई पूछने वाला हो कि एम.पी. साहिब ने पिछले 4 साल में होशियारपुर को क्या दिया? मगर आंखों पर चापलूसी की पट्टी बांधे ये लोग खुद के साथ हुए धोखे को भी समझ नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि होशियारपुर निवासियों को यह बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि जिस एयरपोर्ट को लेकर उन्हें बधाईयां दी जा रही हैं उसकी खुशी में किए गए कार्यक्रम में कांग्रेसियों को बुलाना तो बहुत दूर की बात है, जबकि होशियारपुर से संबंधित भाजपा के पूर्व मंत्री और यहां तक कि अन्य भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का भी वहां न होना होशियारपुर के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। जालंधर के प्रति सांपला के लगाव के कारण शायद आज होशियारपुर के हाथ खाली हैं और इसके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है?

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