एफ.आर.डी.आई कानून है फ्राड एंड रॉबरी टू डियूप इंडियन पीप्पल : सचदेवा

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार फाईनैंशल रैगूलेशन डिपाजिट ऑफ इंडिया (एफ.आर.डी.आई)नाम से एक कानून पास कर रही है जो सीधे तौर पर आम लोगों के साथ धक्का है ये फाईनैंशल रैगूलेशन डिपाजिट ऑफ इंडिया न होकर काला कानून फ्राड एंड रॉबरी टू डियूप इंडियन पीप्पल हैं। उक्त शब्दों का प्रगटावा आम आदमी पार्टी के दोआबा प्रधान परमजीत सिंह सचदेवा ने किया। परमजीत सिंह सचदेवा ने कहा कि केंद्र सरकार शीत कालीन सत्र एफ.आर.डी.आई. कानून लाने की तैयारी कर रही है।
क्या है एफ.आर.डीआई. कानून सचदेवा ने बताया इस कानून के सैक्शन 52 के तीन कलाज बनाए है जिसमें पहले क्लाज में बताया है कि बैंक जमांकर्ता के पैसे को कैसे प्रयोग कर सकती है। पहले क्लाज में बैंक की तरफ से आपकों एक एस.एम.एस. आएगा जिसमें आपको ये बताया जाएगा की आपकी जमां राशि इतनी कम हो गई है क्योंकि बैंक को घाटा पड़ गया था । जबकि दूसरे क्लाज में बैंक आपकी राशि को 10, 15, 20 या 25 साल तक एफ.डी. कर सकता है और ब्याज रेशों क्या देगा इसका कुछ नहीं पता और पता नहीं ब्याज देगा भी या नहीं। इसके अलावा बैंक सीधे कह सकता है कि आपकी राशि शून्य हो गई।

Advertisements

-साढ़े तीन साल में मोदी सरकार ने बड़े-बड़े घरानों के दो लाख 40 हजार करोड़ के  कर्ज किए माफ

उन्होंने कहा कि ये शरेआम मध्यम वर्ग के लोगों के साथ धक्का है। इसका मुख्य कारण ये है कि भारत के 99 प्रतिशत लोग बैंकों में सेविंग करते है और लोग ये सेविंग अपने बच्चों की शादी,अपने बुढ़ापे के लिए, लडक़े को काम शुरू करने के लिए, बीमारी व एमरजेंसी के लिए रखते हैं। लेकिन इस कानून के आने से बैंक किसी भी समय जमांकर्ता को बिना बताये उसके पैसों को अपने प्रयोग में लाकर हड़प सकती हैं।
उन्होंने बताया शीतकालीन सत्र में केंद्र की बीजेपी सरकार ये बिल पास करने जा रही हैं। उन्होंने बताया कानून का नाम फाईनैंशल रैगूलेशन डिपाजिट आफ इंडिया रखा है लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे काला कानून फ्राड एंड रॉबरी टू डियूप इंडियन पीप्पल रखा हैं। सचदेवा ने बताया बैंकों वालों ने बड़े बड़े कारपोरेट हाऊस को लोन दिये है लेकिन कुछ बड़े घरानों ने बैंकों का लोन मार लिया।

पहले सरकार बेल आऊट पैकेज देती थी और ये बेल आऊट लोगों द्वारा दिये टैक्स के पैसे होते थे। उन्होंने बताया सरकार बैंकों को बेल आऊट पैकेज इस लिए देती हैं तांकि बैंकों की माली हालत को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा अभी कुछ महीनें पहले भी सरकार ने बैंकों को बेल पैकेज दिए, लेकिन अब इस कानून के पास होने से बैंकों का मरा हुआ पैसा बेल इन से पूरा होगा। यानि जमांकर्ता के खातों से पैसे कट जाएंगे। जो शरेआम आम लोगों के साथ धक्का हैं।

-बड़ो घरानों का घाटा पूरा करने, बैंकों की माली हालत सुधारने के लिए सरकार आम लोगों से कर रही है धक्का

सचदेवा ने कहा मोदी सरकार आने के बाद बड़े बड़े घरानों को लाभ पहुंचाया गया और से सब आरबीआई के डाटा से साफ होते हैं। आरबीआई के मुताबिक साल 2014 में बड़े घरानों का 50 हजार करोड़, वर्ष 2015,2016 में 56 हजार करोड़, वर्ष 2016,17 में 77 हजार करोड़ और 2017 में 30 सितंबर तक 55 करोड़ रूपये मोदी सरकार ने माफ किये है। पिछले साढ़े तीन साल में सरकार बड़े बड़े घरानों के दो लाख 40 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर चुकी हैं। सचदेवा ने बताया बड़े घरानों में एक ऐसा घराना है जिस पर 1 लाख 25 हजार करोड़ का कर्ज है और सभी कंपनियों को बेचना है तो वो वैल्यू 50 से 55 करोड़ है तो बैंक बाकी पैसे पूरे कैसे करेंगे। उन्होंने कहा बैंक वाले ऐसे घरानों को कैसे लोन दे रहे हैं इनका कौन जिम्मेवार कौन।

उन्होंने कहा आज तक ये कानून इससे पहले साईप्रस में लागू किया था और सभी लोगों के बैंक बैलेंस जीरों कर दिये थे। ये पार्टी बड़े बड़े घरानों को स्पोर्ट कर रही है और ये घरानें चुनावों में भी उन पार्टियों की स्पोर्ट करती है अब ये पार्टी उनकी स्पोर्ट कर रही हैं। उन्होंने कहा इस कानून को लागू करने का मुख्य कारण बड़े घरानों को बचाना हैं। उन्होंने कहा आम आदमी पार्टी इस काले कानून का विरोध करती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here