हरमन प्यारे अध्यापक और बहुपक्षीय शख्सियत के मालिक थे प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री प्रो. बी.सी. वर्मा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री और रसायन शास्त्र के प्रोफ़ैसर श्री बी.सी. वर्मा जो बीते दिनों स्वर्ग सिधार गए थे, के लिए प्रार्थना सभा 1 अक्तूबर को माता मनसा देवी कॉम्पलैक्स पंचकूला में बाद दोपहर 2 से 3 बजे होगी।  

Advertisements

 प्रो बी.सी. वर्मा का जन्म 2 अप्रैल, 1934 को पटियाला जि़ले के गाँव चलैला में हुआ। बचपन से ही पढ़ाई की लगन के कारण वह पहले पैदल और फिर साइकिल पर 15 किलोमीटर दूर पटियाला शहर पढऩे जाते थे। मेरठ में उन्होंने बी.एससी. एवं एम.एससी. की पढ़ाई की। साझे पंजाब में नारनौल में बतौर रसायन शास्त्र विषय के लैक्चरर के तौर पर सेवाओं की शुरुआत करते हुए सरकारी कॉलेज मालेरकोटला में भी सेवाएं निभाईं। लंबा समय सरकारी महेन्द्रा कॉलेज, पटियाला में रसायन शास्त्र के प्रोफ़ैसर के तौर पर सेवाएं निभाने के बाद सरकारी कॉलेज पट्टी और सरकारी स्पोट्र्स कॉलेज जालंधर के प्रिंसिपल रहने के उपरांत डी.पी.आई. कॉलजों में बतौर डिप्टी डायरैक्टर के तौर पर सेवा-मुक्त हुए।  

 अपने अध्यापन के कार्यकाल के दौरान श्री वर्मा विद्यार्थियों में बहुत प्रसिद्ध थे। अस्सी के दशक में जब ट्यूशनों का दौर शिखर पर था, तब श्री वर्मा ने कॉलेज की पढ़ाई के बाद गरीब, जरूरतमंद और होशियार विद्यार्थियों को घर में मुफ़्त पढाकर यश कमाया। वह अनेकों परिवारों के बच्चों के लिए राहगीर बने और जरूरतमंद की शीघ्र मदद करते। अपने विद्यार्थियों के अकादमिक मामलों में हर तरह की मदद करने के साथ-साथ अपने सहायक कर्मचारियों के प्रति भी सहृदय और रचनात्मक सोच रखते थे।  

 प्रो. बी.सी. वर्मा के पढ़ाए विद्यार्थी अलग-अलग क्षेत्रों में उच्च पदों पर पहुँचे, जिनमें सिविल और पुलिस अधिकारी, प्रोफ़ैसर और बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हैं। प्रो. वर्मा मानवीय नैतिक-मुल्यों के प्रति समर्पित शख्सियत थे। प्रो. बी.सी. वर्मा द्वारा दिखाए गए मार्ग के स्वरूप समूचे परिवार ने अपने जीवन में बुलन्दियों को छूआ और समर्पित होकर मिशनरी भावना के साथ देश की सेवा कर रहा है।  

 प्रो. वर्मा के धर्म पत्नी कौशल्या अंग्रेज़ी के लैक्चरर थे, जिन सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल मॉडल टाऊन पटियाला में लंबा समय सेवाएं निभाने के बाद सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल मंडी गोबिन्दगढ़ में प्रिंसीपल और पटियाला जिले के उप जि़ला शिक्षा अफ़सर के तौर पर भी कीमती सेवाएं निभाईं। श्रीमति कौशल्या बाल निकेतन में अनाथ बच्चियों को विशेष तौर पर पढ़ाने जाते रहे। घर में शैक्षिक और रचनात्मक माहौल था कि जो भी मेहमान घर आता तो उनको तोहफ़े में पुस्तकें देने का रिवाज़ था।  

 अध्यापक परिवार में जन्म लेकर बड़े पुत्र अनुराग वर्मा जहाँ थाप्पर कॉलेज पटियाला से इलैक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन की इंजीनियरिंग डिग्री के गोल्ड मैडलिस्ट हैं, वहीं 1993 में भारतीय सिविल सेवाओं (आई.ए.एस.) परीक्षा में सातवें स्थान पर आए और पंजाब में डिप्टी कमिश्नर बठिंडा, लुधियाना और जालंधर की सेवाएं निभाने के बाद अलग-अलग अहम पदों पर रहने के बाद मौजूदा समय में पंजाब के मुख्य सचिव के तौर पर सेवा निभा रहे हैं। दूसरे पुत्र आशीष वर्मा लॉ ग्रैजूएट हैं और मौजूदा समय में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here