दशहरा महोत्सव में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन संत समाज या विभिषण के स्वरुप से करवाया जाए: एडवोकेट मरवाहा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दशहरा महोत्सव में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन संत समाज या विभिषण का स्वरुप बनाकर उनके करकमलों से करवाए जाने की मांग को लेकर श्री गोबिंद गोधाम गौशाला प्रबंधकों ने प्रधान कुलदीप सैनी की अगुवाई में श्री राम लीला कमेटी होशियारपुर को एक मांगपत्र भेंट किया। इस संबंधी जानकारी देते हुए एडवोकेट राकेश मरवाहा ने बताया कि हमारे धर्म ग्रंथों जिनमें मुख्य रुप से महर्षि वाल्मीकि रामायण, श्री राम चरित मानस तथा अन्य रामायणों में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के वध के उपरांत विभिषण द्वारा उनका दहन किए जाने का वर्णन आता है तथा श्री राम लीला के मंचन में जब हम सभी स्वरुपों को बनाते हैं तो विभिषण का स्वरुप भी बनाना चाहिए ताकि वह पुतलों का दहन कर सके। उन्होंने बताया कि होशियारपुर का दशहरा उत्तर भारत का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध उत्सव है तथा अगर यह परंपरा यहां से शुरु होगी तो यह पूरे देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए एक नए युग का प्रारंभ होगी।

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उन्होंने कहा कि अगर विभिषण का स्वरुप संभव न हो तो ऐसी स्थिति में संत समाज के हाथों दहन की परंपरा शुरु की जानी चाहिए। क्योंकि, भले ही रावण को राक्षस के रुप में जाना जाता है, लेकिन वह बहुत बड़े ज्ञानी एवं संत थे तथा ऐसे में एक संत का दहन संत के हाथों ही होना चाहिए व इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। एडवोकेट मरवाहा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि श्री राम लीला कमेटी उनकी मांग पर अवश्य गौर फरमाएगी और उत्सव दौरान नेताओं व विशिष्ट अतिथियों के हाथों दहन करने के स्थान पर विभिषण के स्वरुप व संत समाज से करवाकर नई परंपरा का शुभारंभ करेगी। इस मौके पर श्री राम लीला कमेटी के प्रधान गोपी चंद कपूर ने कहा कि गौशाला प्रबंधकों द्वारा जो मांग रखी गई है उसे कमेटी की बैठक में रखा जाएगा तथा जो भी कमेटी का निर्णय होगा उसे अमल में अवश्य लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार अगर संभव न हो सका तो इसे अगले साल जरुर संभव बनाने के प्रयास रहेंगे। क्योंकि, धार्मिक शास्त्रों का अनुसरन करें तो यह मांग जायज है। इस मौके पर पूर्व मेयर शिव सूद, डा. बिन्दुसार शुक्ला, प्रदीप हांडा, अजय जैन, साहिल सांपला के अलावा गौशाला से हरीश शर्मा, महिंदर, राम यादव व अन्य मौजूद थे।

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